लखनऊ : (मानवी मीडिया) भीम आर्मी के प्रमुख और आजाद समाज पार्टी (एएसपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद पर जानलेवा हमले के मामले में पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये गये चार आरोपियों ने पूछताछ में कहा है कि आजाद के उल्टे-सीधे बयानों से क्षुब्ध होकर उन लोगों ने जानलेवा हमला किया था। पुलिस मुख्यालय से रविवार को जारी एक बयान में यह जानकारी दी गयी।
विशेष पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार की ओर से रविवार को जारी एक बयान में कहा गया कि भीम आर्मी प्रमुख आजाद पर हमले के मामले में पुलिस ने सहारनपुर जिले के देवबंद क्षेत्र के रणखंडी निवासी विकास उर्फ विक्की, प्रशांत और लवीश तथा हरियाणा के करनाल निवासी विकास उर्फ विक्की को शनिवार को गिरफ्तार किया था।
उन्होंने बताया कि पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से घटना में प्रयुक्त 315 बोर के दो तमंचे, चार कारतूस आदि बरामद किए। गौरतलब है कि 28 जून को जब भीम आर्मी प्रमुख अपने सहयोगियों के साथ एक कार्यक्रम से लौट रहे थे, तभी देवबंद में कुछ अज्ञात बदमाशों ने उन पर जानलेवा हमला किया जिसमें वह घायल हो गए थे। आजाद को अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां से उन्हें बृहस्पतिवार की शाम छुट्टी दे दी गयी थी।
आरोपियों ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि 28 जून की सुबह हरियाणा के करनाल निवासी विक्की को वे लोग मेरठ से लेकर लौट रहे थे तभी रास्ते में रोहाना कला टोल के पास वे खाने के लिए ढाबे पर रुके।
पुलिस के अनुसार आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि उन लोगों ने वहां पर काफी भीड़ एकत्र होते देखी, पता करने पर उनको यह जानकारी हुई कि इस रास्ते से चंद्रशेखर आजाद अपने समर्थकों के साथ देवबंद में किसी कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे हैं और तभी उन्होंने आजाद पर हमले की योजना बनाई।