लखनऊ : (मानवी मीडिया) अपने ही लोगों के कारनामे से उद्यान विभाग को शर्मसार होना पड़ रहा है। राजधानी लखनऊ में आयोजित आम महोत्सव में अग्रणी आम किसानों को सीएम योगी आदित्यनाथ की तरफ से पुरस्कार और एक चांदी का आम दिया गया था। इसमें खेल किया गया। बस्ती जिले के उद्यान विभाग के कर्मचारी समेत दो ऐसे लोगों के नाम पुरस्कार की लिस्ट में शामिल कर लिए गए जो इस पुरस्कार के हकदार नहीं थे और आम की पैदावार वाली किस्मों से जुड़े पेड़ भी उनके पास नहीं है।
बस्ती के संयुक्त निदेशक जिला औद्यानिक केंद्र डॉक्टर अतुल सिंह ने अमृत विचार को बताया कि आम महोत्सव में कैटेगिरी के क्रम में पुरस्कार निर्धारित किये गए थे। इसमें एक विभागीय कर्मचारी समेत दो लोगों के नाम पात्र ना होते हुए भी शामिल किये गए। इसको लेकर विभागीय कर्मचारी के खिलाफ एक्शन लिया गया है। संयुक्त निदेशक ने बताया कि विभागीय कर्मी को चेतावनी दी गई है साथ ही उससे सभी अवार्ड वापस ले लिए गए है। भविष्य में इस प्रकार की पुनरावृत्ति होने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
वहीं इसको लेकर उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के निदेशक डॉक्टर आरके तोमर ने बताया कि आम महोत्सव में सभी जिलों से किसान कई बार नहीं आते हैं। उन्होंने बताया कि पुरस्कार पाने वाली लिस्ट में फर्जीवाड़े की जानकारी मिली जरूर है लेकिन इसमें लखनऊ जनपद से किसी का नाम शामिल नहीं है। निदेशक के अनुसार सम्बंधित के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई जरूर की जाएगी।
बताते चलें कि लखनऊ स्थित अवध शिल्पग्राम में इस साल आम महोत्सव आम की सैकड़ों प्रजातियों की प्रदर्शनी लगाई गई थी। आम महोत्सव के तहत आम का अलग अलग रंग, रूप और स्वाद वाली करीब 725 से भी अधिक प्रजातियों को उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और उत्तराखंड के किसानों ने पेश किया था।