लखनऊ : (मानवी मीडिया) मथुरा वृंदावन नगर निगम के अधिकारियों पर टेंडर के नाम पर मनमानी का गंभीर आरोप लगा है। बताया जा रहा है कि नगर निगम के अधिकारियों ने मानक न पूरा करने वाली कंपनी को टेंडर दे दिया है। जबकि मानक को पूरा करने वाली कंपनियों को दरकिनार कर दिया गया। इस मामले में मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर शिकायत की गई है।
प्रदीप बनर्जी की माने तो टेंडर में विभिन्न कंपनियों ने हिस्सा लिया, जिन कंपनियों के अनुभव और पात्रता निगम द्वारा निर्धारित किए गए मानकों के अनुरूप था। लेकिन निगम के द्वारा दिल्ली स्थित एक निजी कंपनी को चयनित किया गया। कंपनी ने इस टेंडर में अपने जिस अनुभव प्रमाण पत्र को सलग्न किया, उसमें इस कंपनी को सिर्फ लिगेसी वेस्ट ट्रीटमेट के लिए संबंधित मशीनरी सप्लाई करने मात्र का अनुभव है।
लेकिन नगर निगम के कुछ अधिकारियों के साथ सांठ गांठ करके इस कंपनी ने मशीनरी हायरिंग वाले प्रमाण पत्र को एक पूर्ण रूपेण कार्य करने वाली स्थापित कंपनी के तौर पर अपने आप को प्रस्तुत किया, जबकि कंपनी ने लिगेसी वेस्ट ट्रीटमेंट करने वाली कंपनियों को सिर्फ संबंधित मशीनरी ही सप्लाई किया है।
इससे संबंधित इस कंपनी ने दिल्ली, गुरुग्राम, गाजियाबाद आदि नगर निगमों के टेंडरों को हासिल करने के लिए अपने जो अनुभव प्रमाण पत्र दिए हैं उसमे भी हायरिंग शब्दों का प्रयोग किया है। लेकिन उन्ही कामों के एग्रीमेंट पेपर में हायरिंग शब्द को हटाकर कार्य अनुनय को दर्शाया है,
जिससे की यह प्रतीत हो कि कंपनी सिर्फ हायरिंग नहीं बल्कि एक स्वतंत्र कंपनी की तरह कार्य अनुभव रखती है। इन्ही पेपर्स को कंपनी ने मथुरा नगर निगम द्वारा निकाले गए टेंडर के संबंध में भी इस्तेमाल किया है।