इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि स्वर्गीय चंद्रशेखर की राजनीतिक पृष्ठभूमि समाजवादी थी। उन्होंने लोकतंत्र की रक्षा के लिए आपातकाल में लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी के साथ गिरफ्तारी देकर जेल की यातनाएं सही थी। आज फिर वैसे ही आपातकाल जैसे हालात बन रहे हैं। भाजपा के कारण लोकतंत्र को खतरा पैदा हो गया है। लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए श्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में लड़ाई जारी है। समाजवादी पार्टी लोकतांत्रिक व्यवस्था को बनाए रखने और संविधान की गरिमा बचाने के लिए संकल्पित है।
वक्ताओं ने कहा कि श्री चंद्रशेखर जी का स्पष्ट मत था कि गैरबराबरी को खत्म किए बगैर समतामूलक समाज की स्थापना नहीं हो सकती है। इसके लिए पूंजीवादी व्यवस्था की जगह समाजवादी व्यवस्था लाया जाना जरूरी है। वे राजनीति को जनसेवा का माध्यम मानते थे। आज राजनीति में छोटी मानसिकता के लोग आ गए हैं। बिना वैचारिक आधार के राजनीति नहीं हो सकती है।
पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चन्द्रशेखर को श्रद्धासुमन अर्पित करने वालों में अरविन्द कुमार सिंह पूर्व सांसद, शशांक यादव पूर्व एमएलसी, विकास यादव पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष समाजवादी युवजन सभा, धनीलाल ‘श्रमिक‘ प्रदेश अध्यक्ष समाजवादी मजदूर सभा, चन्द्रिका यादव राष्ट्रीय सचिव शिक्षक सभा, कमलेश प्रदेश उपाध्यक्ष सांस्कृतिक प्रकोष्ठ, रवेन्द्र सिंह गंगवार जिला पंचायत सदस्य, फराज किदवई सुपुत्र गयासुद्दीन किदवई पूर्व एमएलसी, आदित्य राणा सुपौत्र स्व0 ठाकुर यशपाल सिंह पूर्व सांसद, इं0 अभिषेक यादव, कमलेश यादव, उपेन्द्र कुशवाहा, शैलेन्द्र कुमार पाण्डेय, शफात अहमद, मोहम्मद अजहर, रवीन्द्र यादव, सनी कन्नौजिया, रिन्कू यादव, सुमित हर्ष गंगवार, रवीन्द्र प्रधान जोगी, संग्राम सिंह, राम लखन, वीरपाल यादव आदि प्रमुख नेताओं के अलावा सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित रहे।