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Sunday, July 2, 2023

प्रधानमंत्री मोदी कल करेंगे मंत्रिपरिषद की बैठक, प्रफुल्ल पटेल बन सकते हैं मंत्री

नई दिल्ली (मानवी मीडिया)- कैबिनेट में फेरबदल की अटकलों के बीच भाजपा के शीर्ष नेताओं के बीच पिछले हफ्ते हुई व्यस्त बातचीत के कुछ दिनों बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को मंत्रिपरिषद की बैठक करने वाले हैं। घटनाक्रम से वाकिफ सूत्रों ने बताया कि बैठक नए पुनर्निर्मित प्रगति मैदान के कन्वेंशन सेंटर में होने वाली है। यह बैठक तब होने जा रही है, जब 20 जुलाई से संसद का मानसून सत्र शुरू होने वाला है। अगर कोई फेरबदल करना है तो संसदीय सत्र से पहले करना पड़ सकता है। कैबिनेट में फेरबदल दो साल पहले यानी जुलाई 2021 में हुआ था। 28 जून को मोदी की गृहमंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जे.पी.नड्डा से मुलाकात के बाद राजनीतिक हलकों में कैबिनेट फेरबदल और यहां तक कि भाजपा के भीतर संगठनात्मक बदलाव की अटकलों का बाजार गर्म हो गया। वह बैठक इससे पहले शाह और नड्डा की अलग-अलग मुलाकात के बाद हुई थी। कर्नाटक में हार के बाद अब कुछ महीनों बाद राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में महत्वपूर्ण विधानसभा चुनाव होने हैं, उसके बाद 2024 का लोकसभा चुनाव होना है। इसलिए 3 जुलाई की बैठक काफी राजनीतिक महत्व रखती है।

इसके अलावा, विपक्षी दलों के गठबंधन ने पहले ही लोकसभा चुनावों की रणनीति पर विचार-विमर्श शुरू कर दिया है और महाराष्ट्र में प्रमुख विपक्षी दल एनसीपी को दलबदल का सामना करना पड़ रहा है। इसके कई विधायक रविवार को सत्तारूढ़ शिवसेना (एकनाथ शिंदे)-भाजपा गठबंधन में शामिल हो गए। राजनीतिक विश्‍लेषकों के मुताबिक, आने वाले दिनों में देश में बड़ा राजनीतिक मंथन देखने को मिलने वाला है।

महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा फेरबदल करते हुए शरद पवार के भतीजे अजित पवार राज्य की शिंदे-फडणवीस सरकार में उपमुख्यमंत्री बन गए हैं। पिछली बार शरद पवार से मात खा जाने वाले अजित पवार ने इस बार पूरी तैयारी के साथ एनडीए गठबंधन में शामिल होने की योजना बनाई। उन्होंने शरद पवार के सबसे पुराने, करीबी और भरोसेमंद प्रफुल्ल पटेल को अपने साथ जोड़ा और छगन भुजबल एवं उनके जैसे शरद पवार के कुछ अन्य करीबी वरिष्ठ नेताओं को अपने साथ मंत्री बनाया। बताया जा रहा है कि इस बार भाजपा के साथ आने से पहले ही अजित पवार यह भी वादा ले चुके हैं कि प्रफुल्ल पटेल को उनके कोटे से केंद्र में मंत्री बनाया जाए। एकनाथ शिंदे की पार्टी से भी एक सांसद को मंत्री बनाया जा सकता है। शरद पवार के खिलाफ जाकर इस बार अजित पवार को समर्थन देने वाले बड़े नेताओं में सबसे चौंकाने वाला चेहरा शरद पवार के बहुत ही ज्यादा करीबी नेता प्रफुल्ल पटेल का रहा।

प्रफुल्ल पटेल मनमोहन सिंह सरकार में एनसीपी कोटे के तहत शरद पवार के साथ ही मंत्री बने थे और हाल ही में शरद पवार ने उन्हें अपनी बेटी सुप्रिया सुले के साथ-साथ पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया था।

प्रफुल्ल पटेल के साथ आने से उत्साहित अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद उन्हें अपने बगल में बैठाकर प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह दावा किया कि वे एनसीपी के तौर पर गठबंधन में शामिल हुए हैं, पार्टी के विधायक एवं सांसद उनके साथ हैं और वे आगामी चुनावों में एनसीपी के नाम और चुनाव चिन्ह पर ही चुनाव लड़ेंगे।

शरद पवार ने भी अपने भतीजे अजित पवार से ज्यादा तीखा हमला अपने पुराने सहयोगी रहे प्रफुल्ल पटेल पर ही बोला। लेकिन प्रफुल्ल पटेल पर शरद पवार के हमलों के बीच यह भी बताया जा रहा है कि मोदी सरकार के आगामी मंत्रिमंडल फेरबदल में एनसीपी कोटे से प्रफुल्ल पटेल को मंत्री बनाया जा सकता है।

संसद में एनसीपी के पास फिलहाल लोक सभा में पांच और राज्य सभा में चार सांसद हैं। शरद पवार की बेटी एवं एनसीपी की एक और कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले के अलावा अमौल रामसिंह कोल्हे, श्रीनिवास दादा साहेब पाटील, फैजल पी पी मोहम्मद और सुनील दत्तात्रेय तटकरे पार्टी के लोक सभा सांसद हैं और इनमें से एक सांसद सुनील दत्तात्रेय तटकरे की बेटी अदिति तटकरे ने भी रविवार को अजित पवार के साथ एकनाथ शिंदे सरकार में मंत्री पद की शपथ ली है।

वहीं राज्य सभा की बात करें तो शरद पवार, प्रफुल्ल पटेल, वंदना चव्हाण और फौजिया खान सहित पार्टी के राज्य सभा में चार सांसद हैं जिनमें से प्रफुल्ल पटेल खुल कर अजित पवार के साथ नजर आ रहे हैं। आपको बता दें कि, रविवार को अजित पवार के साथ-साथ छगन भुजबल, दिलीप वाल्से-पाटिल, हसन मुश्रीफ, धनंजय मुंडे, धर्माराव, अदिति तटकरे, संजय बनसोडे और अनिल पाटिल ने भी मंत्री पद की शपथ ली।

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