इलाहाबाद : (मानवी मीडिया) हाईकोर्ट ने मंगलवार को लिव इन रिलेशनशिप पर बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा, "हम लिव इन रिलेशनशिप के खिलाफ नहीं हैं लेकिन अवैध संबंधों के खिलाफ हैं." इतना ही नहीं कोर्ट ने दूसरे पुरूष के साथ लिव-इन में रह रही शादीशुदा महिला को पति से खतरे पर पुलिस सुरक्षा देने से इंकार कर दिया.
इलाहाबाद हाईकोर्ट की ये टिप्पणी सामाजिक ताने-बाने की कीमत पर अवैध संबंधों को लेकर थी. जिसमें मांग की गई थी कि उन महिलाओं को पुलिस सुरक्षा नहीं दी जा सकती है. कोर्ट ने कहा कि अवैध संबंध रखने वाले को सुरक्षा देने का अर्थ है कि अवैध लिव-इन-रिलेशनशिप को मान्यता देना. कोर्ट ने दूसरे पुरूष के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रह रही शादीशुदा महिलाओं की याचिका को भी खारिज कर दिया.
याचिका में क्या रखी थी मांग?
महिलाओं ने हाईकोर्ट में अपने पति से सुरक्षा को लेकर खतरे की आशंका पर याचिका दाखिल करते हुए सुरक्षा की मांग रखी थी. ये याचिका प्रयागराज की सुनीता और अन्य की ओर से दाखिल की गई थी. याची की ओर से तर्क दिया गया कि वह 37 साल की महिला है. वह पति के यातनापूर्ण व्यवहार के कारण छह जनवरी 2015 से ही लिव-इन में रह रही है.