नई दिल्ली : (मानवी मीडिया) अपने शो ‘बस कर बस्सी’ में कथित तौर पर वकीलों और न्यायिक प्रणाली को अपमानित करने के लिए स्टैंड-अप कॉमेडियन अनुभव सिंह बस्सी के खिलाफ कार्रवाई की मांग वाली याचिका उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को खारिज कर दी।
न्यायमूर्ति एस.के. कौल और न्यायमूर्ति सुधांशु धुलिया की पीठ ने याचिकाकर्ता से पूछा, “(संविधान के) अनुच्छेद 32 के तहत यह रिट याचिका क्या है? हम दोनों ही नहीं समझ सकते कि आप क्या चाहते हैं”।
अनुच्छेद 32 भारतीय नागरिकों को यह अधिकार देता है कि यदि उन्हें लगता है कि उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हुआ है तो वे सर्वोच्च न्यायालय की शरण ले सकते हैं। याचिकाकर्ता वकील फरहत वारसी ने अदालत को बताया कि उसने यूट्यूब पर एक वीडियो देखा है जो वकीलों और न्यायिक प्रणाली के लिए अपमानजनक है।
याचिकाकर्ता ने कहा, “मुझे यूट्यूब पर ‘बस कर बस्सी’ नाम का एक वीडियो मिला और मैंने देखा कि प्रतिवादी अनुभव बस्सी ने अधिवक्ताओं, न्यायिक प्रणाली को अपमानित किया है...।”
पीठ ने कहा कि ऐसी चीजों का ध्यान रखने के लिए अन्य लोग हैं और वकील को अपनी चिंता करनी चाहिए। न्यायमूर्ति कौल ने याचिका खारिज करते हुए कहा, “...मुझे लगता है कि वास्तव में आप लोगों के पास करने के लिए बेहतर चीजें हैं।