उत्तर प्रदेश : (मानवी मीडिया) आबादी के लिहाज़ से सबसे बड़ा राज्य होने के साथ-साथ अपनी बसावट की वजह से भी विशेष है. उत्तर प्रदेश में एक बड़ी संख्या गांवों से निकलकर शहरों में रहने लगी है जिसकी वजह दशकों से चली आ रही व्यवस्थाएं कराहने लगी हैं.
राज्य के नगरों के सीमा विस्तार होने से अभी भी बहुत से ऐसे क्षेत्र हैं जहां न तो पक्की सड़क पहुंच पाई है और न ही पानी के निकास के लिए नाली, ऐसे में बरसात के दिनों में जलजमाव को रोक पानी उतना ही आसान है जितना बरसात में आसमान के नीचे बिन छतरी के खड़े होकर भीगने से बच पाना.
राज्य के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने निकाय अधिकारियों को पेंच कसते हुए निर्देश दिए हैं कि बरसात के मौसम में प्रदेश के नगरीय निकायों की जल निकासी, साफ-सफाई, कूड़ा उठान, सुंदरीकरण, सड़क मरम्मत तथा जन सुविधाओं के सुचारु संचालन के कार्यों में कहीं पर भी ढिलाई न बरती जाए.
निकाय अधिकारी प्रतिदिन क्षेत्रों में जाकर कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करें और नागरिकों के सामने उत्पन्न समस्याओं का तत्काल समाधान कराएं एवं कहीं से भी जन सुविधाओं को लेकर शिकायत नहीं मिलनी चाहिए.
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जनप्रतिनिधियों से बेहतर समन्वय बनाकर कार्य करने तथा उनके सुझाव पर अमल किया जाए. अब यह देखने की बात होगी कि जो अधिकारी और कर्मचारी जनता का फोन नहीं उठाते और जनता से ठीक से बर्ताव नहीं करते वह जनता की उम्मीदों पर कितना खरा उतर पाते हैं.