लखनऊ : (मानवी मीडिया) उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के निर्देश के बाद भी अभी तक करीब 4 हजार आउटसोर्स कर्मचारियों को समायोजित नहीं किया गया है। बल्कि एनएचएम की तरफ से नियमों का हवाला देकर समायोजन करने से मना कर दिया।
जिससे आउटसोर्स कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त होता जा रहा है। संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ ने इन कर्मचारियों को समायोजित किये जाने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।
दरअसल, संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ के महामंत्री सच्चिता नन्द मिश्रा ने बताया है कि प्रदेश के विभिन्न चिकित्सालय में लगभग 4000 कोविड आउटसोर्स कर्मचारियो की सेवा 31 जुलाई 2023 को समाप्त हो रही है।
इन कर्मचारियों द्वारा पिछले कई माह से सेवा विस्तार के लिए जगह-जगह प्रदर्शन तथा ज्ञापन देने का कार्य किया जा रहा है जिस क्रम में इन कर्मचारियों को आखरी बार सेवा विस्तार किया गया है।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 में केंद्र सरकार की यूपी एचएसएसपी परियोजना बंद होने के बाद परियोजना में कार्यरत विभिन्न पदों के लगभग 5000 आउटसोर्स कर्मचारियों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से आरओपी तैयार कर अनुमोदन के बाद जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा सेवा प्रदाता फर्म का चयन करते हुए 51 जनपदों में कर्मचारियों का सेवा प्रदाता फर्म में किया गया था।
महामंत्री सच्चिता नन्द मिश्रा के मुताबिक कोविड कर्मचारियों को भी जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा चयनित सेवा प्रदाता फर्म में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के बजट से समायोजित किया जाना नितांत आवश्यक है। इस मामले में पूर्व में प्रेषित यूनियन के पत्र पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा कर्मचारियों के समायोजन ना किए जाने के प्रावधान की आख्या लगाई गई है
जबकि पहले इस प्रकार का समयोजन किया जा चुका है। शासन और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के इस प्रकार की कार्यवाही से कर्मचारियों में आक्रोश विद्यमान है।