दरअसल, ब्रिटेन की करीब 145 विश्वविद्यालयों के परीक्षक पिछले चार महीने से हड़ताल जारी है। परीक्षकों की हड़ताल के चलते काॅपियों की जांच नहीं हो सकी है। जिसके चलते विश्वविद्यालयों में पढ़ाई कर रहे करीब 40 हजार भारतीय छात्रों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ब्रिटेन की एडिनबरा यूनिवर्सिटी से एमए की पढ़ाई कर रहे सुमित ने बताया कि डिग्री नहीं मिलने के कारण वह पीएचडी के लिए आवेदन नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने बताया कि यदि दो महीने में यूजी और पीजी अंतिम वर्ष के छात्रों को डिग्री नहीं मिली तो उन्हें यहां से वापस जाना होगा।
नियमों के अनुसार ब्रिटेन में पढ़ाई पूरी करने के दो महीने के भीतर स्टूडेंट्स को डिग्री सबमिट करनी पड़ती है। इसी प्रकार कोलकाता से पढ़ाई करने आए सायतन घोष ने बताया कि डिग्री नहीं मिलने के कारण अब भारत फिर से जाना पड़ेगा और वीजा के लिए अप्लाई करना पड़ेगा।
बता दें कि सैलरी बढ़ाने की मांग को लेकर ब्रिटेन की करीब 145 यूनिवर्सिटी के कर्मचारी बीते चार महीने से हड़ताल पर हैं। हड़ताल के कारण ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स के अंतिम वर्ष की काॅपियों नहीं जांची जा सकती है।