लखनऊ : (मानवी मीडिया) बिजली संकट कम होने का नाम नहीं ले रहा है। उमस से बिजली की डिमांड करीब 27 हजार मेगावाट तक पहुंचा दी है। सरकार का दावा है कि सप्लाई पूरी की जा रही है लेकिन इसका असर बिजली उपकरण पर दिखने लगा है।
लोड ज्यादा होने और तकनीकी खराबी की वजह से यूपी के अंदर प्रतिदिन औसतन 1000 हजार से ज्यादा ट्रांसफॉर्मर खराब हो चुके है। सरकारी आंकड़ों पर नजर डाले तो 25 जुलाई तक पावर कॉर्पोरेशन के करीब 27 हजार ट्रांसफॉर्मर खराब हुए है।
10 हजार ट्रांसफॉर्मर बिजली चोरों ने किया खराब
जुलाई के महीने में अलग - अलग उपकेंद्र से जुड़े करीब 10,610 ट्रांसफार्मर ऐसे इलाके में खराब हुए हैं जहां कागजों पर लोड कम है। लेकिन मौके पर ज्यादा लोड होने की वजह से वह खराब चल रहे है। ऐसे में यहां बिजली चोरी की संभावना सबसे ज्यादा है।
हालांकि इस एक पहलू यह भी हो सकता है कि उपभोक्ता के घर लोड ज्यादा है लेकिन उसने कम किलोवॉट के हिसाब से कनेक्शन ले रखा है। लेकिन ऐसा होता तो विभाग की तरफ से बिल जनरेट करने के दौरान यह मामला पकड़ में आ जाता। अगर नहीं आता है तो विभाग की बड़ी लापरवाही है।
नियम यह है कि अगर किसी उपभोक्ता के बिल में लगातार तीन महीने तक तय लोड से ज्यादा बिल आ रहा है तो उसका बिजली लोड अपने आप बढ़ा दिया जाता है। उदाहरण के लिए अगर किसी ने 3 किलोवॉट का कनेक्शन लिया है और तीन महीने तक के बिल में लोड 4 या 5 किलोवॉट शो कर रहा है तो विभाग उसका कनेक्शन खुद बढ़ा देता है। उसके बिल में उसका पैसा भी जोड़कर भेज दिया जाता है।