वृृक्षारोपण अभियान के सम्बन्ध में पर्यावरण, वन, जन्तु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन के मुख्य बिन्दु: राज्यमंत्री डा0 अरूण कुमार सक्सेना - मानवी मीडिया

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Thursday, July 20, 2023

वृृक्षारोपण अभियान के सम्बन्ध में पर्यावरण, वन, जन्तु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन के मुख्य बिन्दु: राज्यमंत्री डा0 अरूण कुमार सक्सेना


लखनऊ: (मानवी मीडिया)हमारे प्रधानमन्त्री मोदी  देश दुनिया में हर जगह आगाह करते हैं, ग्लोबल वार्मिंग/क्लाईमेट चेंज (Global Warming/Climate Change) हो रहा है, जिसकी वजह से वायुमण्डल में कार्बन डाई ऑक्साइड का ज्यादा उत्सर्जन हो रहा है, इसी को ध्यान में रखते हुए हमारे यशस्वी मुख्यमंत्री  योगी आदित्यनाथ  ने प्रदेश में 35 करोड़ पेड़ लगाने का लक्ष्य रखा है। प्रदेश में बढते प्रदूषण को नियंत्रित करने तथा पर्यावरण एवं पारिस्थितिकीय संतुलन बनाये रखने हेतु व्यापक जन आन्दोलन के माध्यम से वृक्षारोपण कर हरित आवरण में वृद्धि करने के लिए प्रदेश सरकार कटिबद्ध है। वर्ष 2023-24 के वर्षाकाल में प्रदेश के 85 शासकीय विभागों तथा जन सामान्य के सहयोग से वन भूमि, सामुदायिक भूमि व अन्य राजकीय भूमि, कृषि एवं अन्य निजी भूमि पर वृहद स्तर पर रोपण कराया जा रहा है। इससे प्रदेश की हरित आवरण में वृद्धि, पर्याप्त वर्षा जल संचयन (Rain Water Harvesting), कार्बन अवशोषण, शुद्ध हवा, उपजाऊ मिट्टी व स्वच्छ जल की प्राप्ति एवं प्रदेश के कृषकों की आय में वृद्धि होगी।

इस अभियान मे पेड़ लगाओं, पेड़ बचाओ, हर खेत पर मेड़ हर मेड़ पर पेड़, पेड़ रहेगा तो जीवन रहेगा आदि स्लोगन के माध्यम से जन मानस को जोड़ा जा रहा है।

1.  वृक्षारोपण लक्ष्य-

ऽ       वृक्षारोपण अभियान 2023 में प्रदेश का पौधारोपण लक्ष्य 35 करोड़ है।

2.  35 करोड़ पौधो के वृक्षारोपण की तिथि-

ऽ       समस्त विभागों एवं स्वयं सेवी संस्थाओं तथा जन प्रतिनिधियों के सहयोग से वृहद स्तर पर वृक्षारोपण अभियान के अन्तर्गत दिनांक 22.07.2023 को एक ही दिन 30 करोड़ पौधों का रोपण।

ऽ       15 अगस्त 2023 स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर 5 करोड़ पौधों का रोपण।

3.  वृक्षारोपण अभियान हेतु पौध-

ऽ       वन विभाग (1901 नर्सरियाँ) से निःशुल्क पौध उपलब्ध होगी।

ऽ       मुख्य प्रजातियां नीम, सहजन, आंवला, इमली, अर्जुन, जामुन, बेल, देशी आम, महुआ, सागौन, शीशम, गुटेल, बांस, पीपल, पाकड़, बरगद आदि है।

ऽ       ग्राफ्टेड पौध - 6.44 लाख (आम, अमरूद, नाींबू, आदि)।

ऽ       मालाबार नीम (Melia dubia)  - 3.48 लाख।

ऽ       21 हाईटेक पौधशाला।

4.              .वृक्षारोपण अभियान के पूर्व वन महोत्सव सप्ताह में व्यापक प्रचार-प्रसार-

दिनांक 01 से 07 जुलाई 2023 तक वन महोत्सव का आयोजन किया गया जिसमें प्रभात फेरी, नुक्कड़ नाटक, चित्रकला प्रतियोगिता, निबन्ध लेखन, वाद-विवाद प्रतियोगिता एवं संगोष्ठी आदि के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण, वृक्षावरण व वृक्षारोपण के महत्व, जल संरक्षण, स्वच्छता, प्लास्टिक के उपयोग को खत्म करना एवं ग्रामीणों द्वारा खाद/कम्पोस्ट का उपयोग,Solid Waste Management  आदि विषयों पर व्यापक जन जागरूकता अभियान चलाया गया।

5.               वृक्षारोपण के सफलतापूर्वक सम्पादन हेतु तैयारी-

ऽ       जनपद स्तर पर जिला वृक्षारोपण समिति की नियमित बैठक (मण्डल स्तर पर मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में वृक्षारोपण तैयारी की समीक्षा)।

ऽ       वन मुख्यालय, लखनऊ स्तर से प्रत्येक सप्ताह प्रभागीय वनाधिकारियों के साथ वीडियों कान्फ्रेसिंग। जिसमें मंत्री , अपर मुख्य सचिव, वन, प्रधान मुख्य वन संरक्षक और विभागाध्यक्ष,उ0प्र0 एवं मिशन निदेशक, वृक्षारोपण अभियान-2023 द्वारा समीक्षा कर मार्ग दर्शन दिया गया।

ऽ       विभागों के मंत्रीगण तथा मेरे द्वारा संयुक्त रूप से सभी विभागों के शीर्ष अधिकारियों के साथ दिनांक- 19 व 20 जून 2023 को बैठक की गयी, जिसमें वृक्षारोपण से सम्बन्धित समस्त विभाग तथा पी0एस0यू0/संस्थाएं/बैकों द्वारा प्रतिभाग किया गया।

ऽ       मुख्य मंत्री, उ0प्र0 की अध्यक्षता में दिनांक 11.07.2023 को मंत्रिमण्डल की विशेष बैठक में वन महोत्सव 2023 के सफल आयोजन पर चर्चा की गई। मा0 मुख्य मंत्री जी द्वारा दिनांक 12.07.2023 को प्रदेश में समस्त जनप्रतिनिधि, मा0 सांसद, मा0 विधायक, महापौर, पार्षद, नगर पालिका परिषद, नगर पंचायत अध्यक्ष, ब्लाक प्रमुख, ग्राम प्रधानांें तथा पंचायत सदस्यों के साथ Webinar के माध्यम से संवाद किया गया। दिनांक     13.07.2023 को मा0 मुख्य मंत्री जी द्वारा प्रदेश वासियों से वृक्षारोपण जन आन्दोलन 2023 में सक्रिय भागीदारी करने की अपील की गई। दिनांक  19.07.2023 को मुख्य सचिव, उ0प्र0 द्वारा सभी मण्डलायुक्तों/ जिलाधिकारियों के साथ वीडियों कान्फ्रेसिंग कर वृक्षारोपण अभियान के सफल संचालन हेतु निर्देश दिया गया । दिनांक 19.07.2023 को मेरे द्वारा विभाग के अधिकारियों को कार्यक्रम के क्रियान्वयन हेतु निर्देश दिया गया तथा विभिन्न जनप्रतिनिधियों से संवाद किया गया।

6.  वृक्षारोपण जन अभियान का क्रियान्वयन

ऽ       दिनांक 22.07.2023 को मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा जनपद बिजनौर एवं मुजफ्फरनगर में वृक्षारोपण कार्यक्रम मे सम्मिलित होकर वृक्षारोपण अभियान 2023 का शुभारंभ करेगें।

ऽ       बिजनौर मे विदुर कुटी एवं मुजफ्फरनगर में शुक्र तीर्थ में वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है।

ऽ        स्वतंत्र देव सिंह, मा0 मंत्री तथा मेरे द्वारा स्वयं भी उपरोक्त कार्यक्रम में प्रतिभाग किया जायेगा।

ऽ       उक्त के अतिरिक्त प्रदेश के सभी मंत्रीगण द्वारा नामित जनपद में प्रवास कर वृक्षारोपण में सम्मिलित होकर कार्यक्रम हेतु मार्गदर्शन दंेगे।

ऽ       शासन द्वारा अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव स्तर के अधिकारियों को दिनांक 20.07.2023 तक आवंटित जनपद में पहुँच कर वृक्षारोपण महाअभियान 2023 का सफलतापूर्वक संचालन कराने के निर्देश दिये गये है।

ऽ       वृक्षारोपण कार्यक्रम में जनप्रतिनिधि, समस्त सरकारी/गैर सरकारी संस्थाए, मा0 न्यायाधीश, सिविल सोसाइटी, शिक्षण संस्थाए, एन0सी0सी0, एन0एस0एस0, रोटरी/लायन्स क्लब/लोक भारती आदि द्वारा सक्रिय सहयोग किया जा रहा है।

ऽ       कार्यक्रम में समस्त विभाग, सार्वजनिक उद्यम, निगम बोर्ड आदि के प्रत्येक कर्मचारी एवं अधिकारी  द्वारा कम से कम  01 पौध का रोपण कर उसकी सुरक्षा का संकल्प लिया जायेगा।

ऽ       वृक्षारोपण कार्यक्रम में निर्वाचन की तरह इलेक्शन मोड में जोनल एवं सेक्टर मिजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है जिनके द्वारा अपने क्षेत्र में वृक्षारोपण कार्यक्रम के क्रियान्वयन हेतु आवश्यक तैयारी की गई है।

ऽ       दिनांक 22.07.2023 को आधे दिन सभी कार्यालय, सभी विद्यालय तथा अन्य संस्थाए केवल वृक्षारोपण कार्य में सहयोग देगी।

  वृक्षारोपण अभियान 2023 की विशेषता

 बाल पौध रोपण भण्डारा- स्कूलों में कक्षा 6 से कक्षा 8 तक के बच्चों का सहयोग प्राप्त कर बाल पौध रोपण भण्डारा का आयोजन किया जायेगा। भण्डारा में छात्रों को फलदार प्रजाति-आम, अमरूद आदि की कलमें (grafted),एवं स्वस्थ पौध वितरित की जायेगी, जिसको छात्र द्वारा अपने आवास पर उपलब्ध भूमि पर या स्कूल की भूमि पर रोपण कर अनरक्षण किया जायेगा।

 ग्रामीण क्षेत्रों में रोपण-ग्राम्य विकास विभाग द्वारा जारी शासनादेश के माध्यम से ग्राम्य विकास विभाग एवं पंचायतीराज विभाग हेतु निर्धारित पौधारोपण लक्ष्य की पूर्ति हेतु निर्देश जारी किये गये है जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में वृक्षारोपण की कार्यवाही हेतु निम्नलिखित तीन शासनदेशों की ध्यान पर आकृष्ट किया गया हैः-

1.      शासनादेश संख्या-08/2018/686/अड़तीस-7-2018-134 नरेगा/2017 दिनांक 03.04.2018 द्वारा मनरेगा योजनान्तर्गत निजी खेत की मेढ (बाउण्ड्री) पर “मुख्यमंत्री कृशक वृक्ष धन योजना“

2.      शासनादेश संख्या-09/2018/687/अड़तीस-7-2018-134 नरेगा/2017 दिनांक 03.04.2018 द्वारा मनरेगा योजनान्तर्गत निजी खेत की मेढ (बाउण्ड्री) पर “मुख्यमंत्री फलोद्यान योजना“

3.      शासनादेश संख्या-10/2018/688/अड़तीस-7-2018-134 नरेगाध्2017 दिनांक 03.04.2018 द्वारा मनरेगा योजनान्तर्गत निजी खेत की मेढ (बाउण्ड्री) पर “मुख्यमंत्री सामुदायिक वानिकी योजना“

      ग्रामीण क्षेत्रों मंें सफलतापूर्वक वृक्षारोपण जनअभियान 2023 के क्रियान्वयन हेतु निम्न रणनीति अपनाई जायेगीः-

1.     जनपद में जिला वृक्षारोपण समिति की बैठक में उपरोक्त तीनों शासनादेशों के सम्बन्ध में के प्राविधानों के बारे में चर्चा।

2.     उपरोक्त योजनाओं के क्रम में कृषको की निजी भूमि पर तथा ग्राम पंचायतों पर सार्वजनिक भूमि पर वृक्षारोपण कार्य कराया जा सकता है। अतः इन योजनाओं के तहत इच्छुक कृषको का चयन।

3.     जनपद में कृषको द्वारा उक्त योजनाओं का लाभ लेते हुए किये जा रहे वृक्षारोपण का संकलन।

    पर्यावरणीय लाभ एवं कृषकों की आय में सतत् वृद्धि के दृष्टिगतवृक्षारोपण अभियान हेतु प्रदेश के समस्त शासकीय विभागों, मा० न्यायालय परिसरों/कृषकांें/संस्थाओं/व्यक्तियों/ निजी एवं शासकीय शिक्षण संस्थाओं/भारत सरकार के विभाग एवं उपक्रम/स्थानीय निकायों यथा ग्राम पंचायत, नगर पंचायत, नगर निगम, नगर पालिका परिषद प्राधिकरण आदि/रेलवे/रक्षा/औद्योगिक इकाइयों/सहकारी समितियों एवं अन्य को वन विभाग की पौधशालाओं से सम्बन्धित शासकीय विभागों/संस्थाओं के माध्यम से निःशुल्क पौध उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया।

अभियान में विभिन्न प्रकार के वनों की स्थापना-

1.   ग्राम वन-ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यावरण संतुलन, स्थानीय जैवविविधिता संरक्षण व अनुकूल सूक्ष्म जलवायु के निर्माण के साथ-साथ मृदा संरक्षण, जल संरक्षण, ईंधन, चारा, फल, लकड़ी आदि बुनियादी जरूरतों, कृषकों की आय में वृद्धि आदि के दृष्टिगत प्रत्येक ग्राम पंचायत में न्यूनतम एक हेक्टेयर क्षेत्र ‘ग्राम वन’ की स्थापना। इस वन में ईंधन, चारा-पत्ती, फलदार, इमारती लकड़ी व पर्यावरण प्रजातियों का रोपण कराया जायेगा। ग्राम वन में रोपण हेतु पीपल, बरगद, पाकड़, गूलर, नीम, सहजन, देशी आम, जामुन तथा अन्य स्थानीय प्रजातियों को प्राथमिकता दी जायेगी।

2.   नन्दन वन-नन्दन का अर्थ है - आनन्द देने वाला/प्रसन्न करने वाला। पुराणानुसार यह सब स्थानों में सुन्दर है, जहाँ सुखपूर्वक विहार किया जाता है। शहरों में इसकी स्थापना से शहरवासी इसमंे विचरण कर स्वास्थ्य लाभ के साथ-साथ आनन्द को प्राप्त करेंगे। शहरी क्षेत्र में बड़े व छोटे छत्र के वृक्ष प्रजाति  (Tree Spp), झाड़ियों (Shrubs) व पौधों (Herb Spp) का सघन रोपण कर घने वन के रूप में नन्दन वन की स्थापना की जा रही है।नन्दन वनशहरी क्षेत्रों के पर्यावरण प्रदूषण के रोकथाम, नियत्रंण एवं जागरूकता उत्पन्न करते हुए हरीतिमा सवंर्द्धन अभियान संचालन में सहायक सिद्ध होगा।

3.   आयुष वन-औषधीय प्रजाति के वृक्षों (Trees and Shrubs) के महत्व और उनसे मिलने वाले लाभ से जनमानस को जागरूक करने हेतु प्रत्येक जनपद में वन विभाग द्वारा ‘आयुष वन’ की स्थापना। प्राकृतिक रूप से इलाज (बिनाside effect के) एवं शरीर की स्वस्थता हेतु परम्परागत चिकित्सा पद्धति (Traditional/Herbal Medicines) का विशेष महत्व है। ऐसे वन की स्थापना द्वारा प्रजातियों के औषधीय महत्व (स्वास्थ्य लाभ) की जानकारी इन वनों में विचरण करने वालों को प्राप्त होगी। इनमें मुख्य रूप से वृक्ष प्रजाति के नीम, अर्जुन, जामुन, बेल, आँवला, अशोक, बबूल, कैथा, इमली, पीपल, बरगद, गूलर, हरड़, बहेड़ा, लसोडा, सहजन, महुआ, बालम खीरा, कुसुम, शहतूत, मौलश्री, बेर, कड़ी पत्ता, करौंदा आदि तथा झाड़ी प्रजाति के नींबू, गुड़हल, चिराैंजी, अनार, किन्नू आदि का रोपण कराया जायेगा। आयुष वन की स्थापना विभागीय वृक्षारोपण क्षेत्र में तथा आयुर्वेदिक कॉलेजों के परिसर में किया जायेगा।

       विरासत वृक्षों का अंगीकरण-प्रदेश में पौराणिक/ऐतिहासिक अवसरों, महत्वपूर्ण घटनाओं, अति विशिष्ट व्यक्तियों, स्मारकों, धार्मिक परम्पराओं व मान्यताओं से जुड़े हुये वृक्षों को संरक्षित कर जनसामान्य में इनके प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए चिन्हित विरासत वृक्षों के अंगीकरण हेतु माननीय जनप्रतिनिधियों से अनुरोध किया जायेगा।

8.        प्रदूषण नियंत्रण में वृक्ष के महत्व पर जन जागरूकताः-

ऽ                वृक्षों द्वारा जीवनदायनी आक्सीजन

ऽ                वृक्ष वायुमण्डल से हानिकारक गैसों को हटाकर, कार्बन अवशोषण कर ग्लोबल वार्मिंग को नियंत्रित करता, ग्रीन हाउस के प्रभाव को कम करने के साथ-साथ वायु की गुणवत्ता में सुधार करता

ऽ                पर्यावरण शुद्ध करने, धूल व तापमान नियंत्रण व ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण में वृक्ष प्रजातियों पीपल, बरगद, पाकड़, गूलर, नीम, आम, जामुन, महुआ, इमली, अमलतास, अशोक, सहजन आदि सहायक

ऽ                किसी स्थान पर वृक्षावरण बढ़ाकर वहाँ की मृदा व भू-जल स्तर में सुधार, आक्सीजन की प्रचुरता द्वारा वायु की शुद्धता (माईक्रोक्लाइमेट में सुधार)

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