हिंद-प्रशांत क्षेत्र मामले में राष्ट्रपति जो बाइडेन के शीर्ष अधिकारी कर्ट कैंपबैल का कहना है कि भारत रणनीतिक ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अहम भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा, ‘कई कारोबारी समूह, निवेश समूह नए ग्लोबल सप्लाई चेन, निवेश के नए मौकों से जुड़ी रणनीति के लिए भारत की ओर देख रहे हैं।’ कैंपबेल ने बताया कि अमेरिकी विश्वविद्यालय ज्यादा से ज्यादा तकनीक के जानकार और इंजीनियर तैयार करना चाहते हैं और अमेरिका भारतीयों को ज्यादा मौके देना चाहता है।
दरअसल, अमेरिका भी भारत को चीन के बढ़ते प्रभाव का सामना में अपने साझेदार के रूप में देखता है। व्हाइट हाउस ने बीते महीने ही ऐलान किया था कि 22 जून को पीएम मोदी के आधिकारिक दौरे पर उनका स्वागत करेगा। मंगलवार को ही भारतीय प्रधानमंत्री ने अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करने के न्योते को स्वीकार किया है।