नई दिल्ली : (मानवी मीडिया) अमेरिकी विश्वविद्यालयों में दाखिले में नस्ल और जातीयता के आधार पर दाखिले पर प्रतिबंध लगाने के अमेरिकी उच्चतम न्यायालय के फैसले ने पूरी दुनिया में आरक्षण के मुद्दे पर एक बड़ी बहस छेड़ दी है. दरअसल अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के फैसले से कई बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के फैसले की कड़ी शब्दों में आलोचना की है.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इसकी तीखी आलोचना करते हुए कहा - "अमेरिका में भेदभाव अब भी मौजूद है...यदि किसी छात्र को शिक्षा हासिल करने के लिए विपरीत परिस्थितियों से गुजरना पड़ रहा है, तो कॉलेजों को इसे स्वीकार कर महत्व देना चाहिए."
दरअसल गुरुवार को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि हार्वर्ड विश्वविद्यालय और उत्तरी कैरोलिना विश्वविद्यालय के प्रवेश कार्यक्रम अमेरिकी संविधान के 14 वें संशोधन के समान संरक्षण खंड का उल्लंघन थे. सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों ने 6-3 के फैसले में आरक्षण नीति को खारिज कर दिया. पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी अमेरिकी उच्चतम न्यायालय के फैसले का कड़ा विरोध किया है.