नई दिल्ली (मानवी मीडिया): केंद्र सरकार आने वाले मानसून सत्र में समान नागरिक संहिता (UCC Bill) बिल सदन में पेश कर सकती है। सूत्रों के अनुसार, संसद के मानसून सत्र में समान नागरिक संहिता बिल लाने की तैयारी कर ली गई है। समान नागरिक संहिता कानून संबंधी बिल संसदीय समिति को भी भेजा जा सकता है। वहीं, बिल को मानसून सत्र में पेश करने की अटकलों पर कांग्रेस और विपक्ष की ओर से कोई बयान नहीं आया है।
बता दें, कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा का दौर काफी समय से जारी है। इस मुद्दे पर बहस भी चल रही है। हालांकि, कुछ राजनीतिक दलों का यूसीसी को समर्थन भी मिल रहा है। यूसीसी बिल को आम आदमी पार्टी ने समर्थन दिया है। हालांकि, AAP ने अभी इसे अपना सैद्धांतिक समर्थन ही दिया है। बिल को लेकर आम आदमी पार्टी ने कहा है कि सभी हितधारकों से व्यापक विचार-विमर्श के बाद आम सहमति से ही इसे लाया जाना चाहिए।
क्या है समान नागरिक संहिता कानून
समान नागरिक संहिता का जिक्र संविधान के अनुच्छेद 44 में किया गया है। समान नागरिक संहिता कानून के तहत भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए समान कानून होगा। समान नागरिक संहिता कानून में शादी, तलाक और जमीन-जायदाद के बंटवारे में सभी धर्मों के लिए एक ही कानून लागू होगा। यह कानून एक पंथनिरपेक्ष कानून होगा, जो सभी धर्मों के लिए समान रूप से लागू होगा। फिलहाल देश में मुस्लिम, ईसाई और पारसी का पर्सनल ला लागू है। समान नागरिक संहिता कानून को लेकर काफी समय से बहस चल रही है। लेकिन इसे अब तक लागू नहीं किया जा सका है।