एमओएस मालदीव के नेतृत्व के साथ बैठक करेंगे। इस यात्रा में मालदीव में द्विपक्षीय विकास सहयोग से संबंधित समझौतों पर हस्ताक्षर भी होंगे। मालदीव हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में भारत का प्रमुख समुद्री पड़ोसी है और प्रधानमंत्री के 'सागर' (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) और 'नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी' के दृष्टिकोण में एक विशेष स्थान रखता है। इस यात्रा से दोनों देशों के बीच ठोस सहयोग और लोगों के बीच मजबूत संबंधों को और गति मिलने की उम्मीद है।
भारत और मालदीव के बीच आपसी सौहार्द और संबंधों का शुरुआती इतिहास बहुत पुराना है। मालदीव द्वीपसमूह को इंडियन सबकॉनटिनेन्ट के पास स्थित होने के कारण भारत के सांस्कृतिक, धार्मिक और आर्थिक संबंधों का हिस्सा रहा है। भारत और मालदीव के बीच राजनीतिक संबंध भी मजबूत हैं। दोनों देश नेतृत्व और विचारधारा में आपसी समंजस्य को महत्व देते हैं और नवीनतम समय में उदार और मित्रतापूर्ण संबंधों की दिशा में काम कर रहें।
(रिपोर्ट: शाश्वत तिवारी)