अयोध्या (मानवी मीडिया): राम की जन्मभूमि अयोध्या पहुंचने वालों के लिए और अयोध्या से दूसरे स्थान जाने वाले लोगों के लिए 2023 में ही एक बड़ी खुशखबरी मिलने वाली है। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम हवाई अड्डा जल्द ही बनकर तैयार हो जाएगा और इस हवाई अड्डे के बनने से रोजाना करीब 300 लोग हवाई मार्ग से अयोध्या पहुंच सकते हैं और यहां से दूसरे गंतव्य पर जा सकते हैं।
जल्द ही 300 पैसेंजर की क्षमता वाले प्रथम टर्मिनल का संचालन शुरू कर दिया जाएगा जबकि बाकी के तीन टर्मिनल 2025 में पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएंगे।
इस एयरपोर्ट की खासियत यह है कि जब यह पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा तो यह राम मंदिर की तरह ही दिखाई देगा अयोध्या आने वाले लोगों के लिए यह एयरपोर्ट मंदिर पहुंचने से पहले ही मंदिर का मॉडल पेश कर रहा होगा। मंदिर और एयरपोर्ट में काफी समानताएं होंगी अगर इसके स्वरूप की बात करें तो एयरपोर्ट के खंभे हो या फिर बुर्ज, सभी कुछ इस तरह दिखाई देंगे जैसे राम मंदिर का ही रूप है।
इसी एयरपोर्ट में बंसी पहाड़पुर के उसी पत्थर का इस्तेमाल किया जा रहा है जिससे राम मंदिर बनाया जा रहा है। यही नहीं, खंभे और एयरपोर्ट की इमारत पर राम मंदिर की तरह नक्काशी भी दिखाई देगी। टर्मिनल में रामायण के महत्वपूर्ण क्षणों को दर्शाने वाले चित्र भी लगाए जाएंगे। इसके साथ ही टर्मिनल को कुछ इस तरीके से बनाया जा रहा है ताकि वर्षा जल का भी संचयन हो सकेगा और ज्यादा से ज्यादा काम सौर ऊर्जा के जरिए पूरा किया जा सकेगा।
इस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए करीब 2.24 अरब रुपए की अनुमानित राशि निवेश की गई है। इसके प्रथम टर्मिनल के शुरूआत होने के बाद करीब 300 यात्री रोजाना और सालाना करीब 600,000 यात्री यात्रा का लाभ उठा पाएंगे।
इस नए हवाई अड्डे से तीर्थ यात्रियों के लिए काफी सहूलियत होगी। औद्योगिक व्यापार और पर्यटन क्षेत्र सभी को इससे बहुत ज्यादा बढ़ावा मिलेगा। साथ ही प्रथम टर्मिनल के शुरूआत होने के साथ यहां पर करीब 300 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार और इसके परिचालन चरण के दौरान करीब 200 लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।
उत्तर प्रदेश सरकार के नागरिक उड्डयन विभाग और एएसआई ने प्रथम चरण के लिए लगभग 317 एकड़ भूमि में इस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को बनाने का काम शुरू किया है। सभी तीनों चरण के लिए करीब 821 एकड़ जमीन पर निर्माण होगा।
अयोध्या अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण तीन चरणों में हो रहा है। पहले चरण में 6000 वर्ग मीटर में टर्मिनल भवन का निर्माण, साथ ही 2200 मीटर की लंबाई और 45 मीटर की चौड़ाई तक रनवे का विस्तार हो रहा है। प्रथम चरण के टर्मिनल निर्माण के साथ इस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे में ड्रोन कंट्रोल टावर टैक्सीवे स्टेप, एक फायर वॉच टावर फायर स्टेशन और 1 एंटी हाईजैक कंट्रोल रूम का भी निर्माण किया जा रहा है।
इस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के विमानन पतन निदेशक (एयरपोर्ट डायरेक्टर) विनोद कुमार ने आईएएनएस से खास बातचीत में बताया कि जल्द से जल्द प्रथम टर्मिनल का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। उन्होंने बताया कि उम्मीद है जल्द से जल्द इसे जनता को समर्पित कर दिया जाए। लेकिन कोई डेडलाइन बता पाना थोड़ा मुश्किल होगा।
उन्होंने बताया कि काफी हद तक रनवे का काम पूरा कर लिया गया है और बाकी के अन्य काम तेजी के साथ किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रथम टर्मिनल के शुरूआत होने के बाद करीब डेढ़ सौ लोगों के अराइवल और डेढ़ सौ लोगों के डिपार्चर को संभालने के लिए प्रथम टर्मिनल पूरी तरीके से तैयार रहेगा।
अयोध्या का अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लखनऊ के चौधरी चरण हवाई अड्डे से महज 125 किलोमीटर दूर है। इसके शुरू होने के साथ-साथ लखनऊ एयरपोर्ट पर भी लगातार बढ़ रहे दबाव को काफी कम किया जा सकेगा।
अयोध्या में भाजपा के महापौर गिरीश पति त्रिपाठी ने आईएनएस से इस बात की खुशी जाहिर की कि जिस तेजी से काम हो रहा है उससे उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में अयोध्या की नई तस्वीर पूरी दुनिया के सामने निकल कर आएगी। उन्होंने यह भी बताया कि ट्रांसपोर्टेशन पर सरकार का विशेष ध्यान है और हवाई अड्डे के शुरू होने से यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा भी होगा और देश विदेश से सीधे लोग अयोध्या पहुंच सकेंगे।