लखनऊ : (मानवी मीडिया) उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद का प्रतिनिधिमण्डल ने शनिवार को अपर मुख्य सचिव, नियुक्ति एवं कार्मिक से लोक भवन में मुलाकात की। इण्डियन पब्लिक सर्विस इम्प्लाईज फेडरेशन (इप्सेफ) के अध्यक्ष वीपी मिश्र के नेतृत्व में पहुंचे प्रतिनिधिमण्डल ने अपर मुख्य सचिव से साल 2023-24 के लिए कर्मियों के लिए जारी स्थानान्तरण नीति को तत्काल निरस्त करने की मांग की। इतना ही नहीं मांग न पूरी होने की दशा में उत्तर प्रदेश में आन्दोलन की चेतावनी भी दी।
परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा ने अपर मुख्य सचिव को ज्ञापन देते हुए बताया कर्मचारी संगठनों के प्रदेशीय/मण्डलीय/जनपदीय अध्यक्ष/मंत्री के निर्वाचन पर दो वर्ष के लिए स्थानान्तरण पर रोक थी और यदि कोई पदाधिकारी दुबारा निर्वाचित हो जाता है तो उस पर भी रोक लागू रहेगी। जनपदीय स्थानान्तरण में यह भी व्यवस्था थी कि जिलाधिकारी की संस्तुति बिना स्थानान्तरण नहीं हो सकेगा।
दिव्यांग, दाम्पत्य नीति, गंभीर रोग से ग्रसित का स्थानान्तरण नहीं होगा। इस सुविधा नीति में संशोधन कर लगभग समाप्त कर दी गई है। समूह “ग” व “घ” के स्थानान्तरण करके सरकार अपनी मंशा बता रही है। जिससे यह स्पष्ट हो जाता है कि सरकार सरकारी कर्मचारी संगठनों को कमजोर करना चाहती है, जिससे वे पुरानी पेंशन एवं अन्य मांगों पर आन्दोलन न कर सके।
इस अवसर पर वीपी मिश्र ने खेद व्यक्त किया कि वर्तमान मुख्य सचिव ने अपने कार्यकाल में एक भी बैठक नहीं की तत्कालीन मुख्य सचिव ने 8 सितम्बर 2021 में ने जो सभी निर्णय किये थे वे आज भी लम्बित है। इससे कर्मचारियों में नाराजगी है और इसका बुरा प्रभाव आने वाले लोकसभा चुनाव में पड़ेगा। इसको लेकर आन्दोलन करने पर कर्मचारी मजबूर हैं।