नई दिल्ली(मानवी मीडिया)- राजस्थान स्टेट के कर्मचारी अब राज्य सरकार की ओर से मिलने वाली सैलरी से एडवांस विड्रॉल स्कीम के माध्यम से अपना वेतन एडवांस में प्राप्त कर सकेंगे। राजस्थान सरकार के वित्त विभाग ने 31 मई को ऐलान कि राजस्थान अपने कर्मचारियों को एडवांस सैलरी देने वाला भारत का पहला राज्य बन गया है। इस सुविधा को 1 जून से सभी कर्मचारियों के लिए लागू कर दिया गया है।
यह सुविधा इंटीग्रेटेड फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम (IFMS) 3.0 के माध्यम से प्रशासित की जाएगी, जहां अन्य फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट और सर्विस प्रोवाइडर मौजूद होंगे। राज्य सरकार का कर्मचारी एक महीने में कई एडवांस ले सकता है लेकिन यह मासिक वेतन के 50 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकता है जो देय है। यदि कर्मचारी किसी महीने की 21 तारीख से पहले एडवांस सैलरी लेता है तो उसकी वसूली उसके मौजूदा सैलरी माह से की जाएगी।
– राज्य सरकार के कर्मचारी जो इस सेवा का उपयोग करना चाहते हैं, उन्हें अपनी SSO आईडी का उपयोग करके IFMS 3।0 में लॉग इन करना होगा।
– कर्मचारी सेल्फ सर्विस के माध्यम से अपने सर्विस प्रोवाइडर या वित्तीय संस्थान को अपनी सहमति और वचन देना होगा।
– कर्मचारी अपना उपक्रम प्रस्तुत करने के लिए अपने फाइनेंशियल सर्विस प्रोवाइडर के ऑनलाइन पोर्टल पर सीधे लॉग इन कर सकते हैं।
– बाद में OTP आधारित टेक्नोलॉजी के माध्यम से अपनी मंजूरी प्रस्तुत करने के लिए IFMS वेबसाइट पर जा सकते हैं।
केवल लेन-देन शुल्क किया जाएगा वसूल
इस योजना की खास बात ये हैं कि सरकारी कर्मचारी को अपना मुआवजा एडवांस में प्राप्त करने के लिए ब्याज का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होगी। कर्जदाताओं की ओर से केवल लेन-देन शुल्क वसूल किया जाएगा। यह अनुमान लगाया गया है कि छोटे कर्मचारियों को उनके मुआवजे का आधा एडवांस में प्राप्त करने के विकल्प से अधिक लाभ होगा। कर्मचारियों को अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए आगे चलकर अधिक ब्याज दर पर पैसे उधार लेने की जरूरत नहीं होगी।