केजीएमयू : लिवर डोनेट कर पुत्री ने पिता तो पत्नी ने पति की बचाई जान - मानवी मीडिया

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Friday, June 2, 2023

केजीएमयू : लिवर डोनेट कर पुत्री ने पिता तो पत्नी ने पति की बचाई जान


लखनऊ : (मानवी मीडिया किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में दो लिवर प्रत्यारोपण हुआ है। लिवर प्रत्यारोपण के बाद दोनों ही मरीज स्वस्थ बताये जा रहे हैं। यह दोनों लिवर प्रत्यारोपण 15 और 16 मई को हुआ है। दोनों ही मरीजों के स्वस्थ होने पर अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।

गाजियाबाद निवासी 51 वर्षीय पुरुष लीवर सिरोसिस से पीड़ित था। उनकी 21 वर्षीय बेटी ने अपने लिवर का आधा हिस्सा दान कर पिता की जान बचाई है। वहीं सिद्धार्थनगर निवासी 33 वर्षीय पुरुष एडवांस स्टेज लीवर सिरोसिस के साथ हेपेटाइटिस बी से पीड़ित था। 

उनकी 32 वर्षीय पत्नी ने अपने लिवर का आधा हिस्सा दान कर पति की जान बचाई है। केजीएमयू का यह 24वां सफल लीवर ट्रांसप्लांट है। इससे पहले केजीएमयू के चिकित्सकों ने 23 सफल लिवर प्रत्यारोपण किया है।

सर्जरी टीम
गैस्ट्रोसर्जरी विभाग के डॉ. अभिजीत चंद्र (एचओडी) और डॉ. सेल्वाकुमार कर रहे थे। अन्य डॉक्टरों में गैस्ट्रोसर्जरी विभाग के डॉ. आशीष, डॉ. प्रीतीश, डॉ. महेश, डॉ. रवि पटेल, डॉ. कृष्णा, डॉ. यशवर्धन, डॉ. डी. मुक्तेश्वर, डॉ. रवींद्र शामिल थे। एनेस्थीसिया से डॉ. विजय शंकर, डॉ. तन्मय तिवारी, डॉ. राजेश रमन और डॉ. रति प्रभा।

अन्य महत्वपूर्ण सेवाएं डॉ. एसएन संखवार (सीएमएस), डॉ. तूलिका चंद्रा , डॉ. अमिता जैन (माइक्रोबायोलॉजी), डॉ. अतिन सिंघई (पैथोलॉजी), डॉ. गौरव चौधरी (कार्डियोलॉजी), डॉ. डी हिमांशु, डॉ. अजय कुमार (मेडिसिन), डॉ. सुमित रूंगटा (गैस्ट्रोमेडिसिन), और डॉ. अविनाश अग्रवाल (सीसीएम)। सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के सभी रेजिडेंट डॉक्टर और 50 से अधिक ओटी, आईसीयू, वार्ड नर्स, प्रत्यारोपण समन्वयक और कर्मचारी शामिल रहे।

भारत में प्रति वर्ष 2 लाख से अधिक रोगी लिवर सिरोसिस से पीड़ित होते हैं। इनमें से अधिकतर मामले शराब के दुरुपयोग, मधुमेह, वायरल संक्रमण या प्रतिरक्षा विकार के कारण होते हैं। भारत में प्रति वर्ष केवल लगभग 2000 लिवर प्रत्यारोपण किए जाते हैं। अधिकांश प्रत्यारोपण ऑपरेशन निजी अस्पतालों में लगभग 30 से 40 लाख रुपये की लागत से किए जाते हैं।

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