लखनऊ (मानवी मीडिया) कल लखनऊ स्थित इकाना स्टेडियम में दैत्याकार होर्डिंग के गिरने से माँ-बेटी की मौत की घटना ने राजधानी को हिलाकर रख दिया। जिसको लेकर कांग्रेस पैनलिस्ट प्रियंका गुप्ता ने सरकार से कुछ सवालों के जवाब पूछे हैं।उत्तर प्रदेश कांग्रेस की मीडिया पैनलिस्ट प्रियंका गुप्ता ने बयान जारी करते हुए कहा कि प्रदेश में सभी नगर निगमों और तथाकथित अधिकांश नगर निकायों को जीतकर अपनी काबिलियत का डंका पीटने वाली सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी तथा लखनऊ की नवनिर्वाचित मेयर यह बताने की जहमत करेंगी कि इकाना स्टेडियम में लगी 50 टन की होर्डिंग के गिरने से माँ-बेटी की मौत का जिम्मेदार कौन है? उन्होंने कहा कि निर्दोष माँ-बेटी की जान इस अव्यवस्था की बलि चढ़ गई, इस अव्यवस्थित सिस्टम का जिम्मेदार कौन होगा और होर्डिंग लगाने के नियम क्या हैं तथा इनसे प्राप्त धन का संग्रहण कौन करता है? और ऐसे अवैज्ञानिक ( नॉन एयरोडायनेमिक डिजाइन ) तरीके से बने किसी होर्डिंग से दबकर किसी निर्दोष के मरने पर सरकार की ओर से मुआवजे की क्या व्यवस्था है? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? केवल एक्ट आफ गॉड कहकर सरकार अपनी जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकती है।
उन्होंने कहा कि जिस तरह से भारत में ड्रोन उड़ाने के नियम हैं। 250 ग्राम के माइक्रो ड्रोन के लिए कोई लाइसेंस जरूरी नहीं और मिनी ड्रोन एंड बिग केटेगरी के ड्रोन की उडान के लिए विधिवत नियम हैं। ठीक उसी प्रकार से छोटे होर्डिंग्स, मध्यम होर्डिंग्स और दैत्याकार बड़े होर्डिंग्स के लगाने और प्रबंध का कोई नियम है या नहीं? यदि नहीं है, तो क्यों नहीं हैं? क्या किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार है? सरकार के पास यदि होर्डिंग्स के प्रबंधन का नियम हैं तो तत्काल उसका पालन करते हुए दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को चिन्हित कर उन पर कानूनी कार्यवाही की जाये।
पैनलिस्ट प्रियंका गुप्ता ने कहा कि इकाना स्टेडियम की घटना के बाद से लोग अपने परिवारों के लिए चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि सरकार, नगर निगम तथा लखनऊ विकास प्राधिकरण यह बताएं कि होर्डिंग्स लगाने के नियम क्या हैं? क्या वह इस तरह की दुर्घटना की प्रतीक्षा कर रहे थे? या भविष्य में किसी और वृहद दुर्घटना के इंतजार में है? उन्होंने घटना में मरने वाले परिजनों के लिए सरकार से समुचित मुआवजे की मांग की है।