मुख्यमंत्री ने कहा है कि साहित्य की सेवा कभी न मिटने वाली सेवा होती है। गीता प्रेस साहित्य के माध्यम से देश और समाज की अभूतपूर्व एवं उल्लेखनीय सेवा कर रहा है। हम सबको गौरव की अनुभूति करनी चाहिए कि 100 वर्ष पूर्व गोरखपुर में जो बीज रोपित किया गया था, आज वह गीता प्रेस के रूप में एक विशाल वट वृक्ष बनकर देश-दुनिया में सनातन धर्म के ग्रन्थों को घर-घर पहुंचा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि संस्कृत व हिन्दी सहित देश की विभिन्न भाषाओं में भारत के आध्यात्मिक, धार्मिक और सांस्कृतिक ज्ञान को जन-जन तक ले जाने में गीता प्रेस ने अपने 100 वर्षों के यशस्वी कालखण्ड में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह प्रतिष्ठित पुरस्कार ईश्वर प्रेम, सत्य, सदाचार, सद्भाव के प्रचार हेतु समर्पित गीता प्रेस के अभियान को नई गति देगा।
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