नई दिल्ली (मानवी मीडिया): भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष पद पर रहे बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पिछले लंबे समय से पहलवानों का प्रदर्शन चल रहा है। यौन उत्पीड़न और तमाम तरह के आरोपों के बाद उनके खिलाफ मामला तो दर्ज कर लिया गया, लेकिन अब तक गिरफ्तारी नहीं हुई। इस बीच केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंगलवार देर रात ट्वीट कर बताया कि सरकार पहलवानों के साथ उनके मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार है। मैंने एक बार फिर पहलवानों को इसके लिए आमंत्रित किया है। इसी बीच आंदोलन कर रहे पहलवान खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से मुलाकात के लिए तैयार हो गए हैं। हालांकि, अभी समय और जगह तय नहीं हुई है।
अनुराग ठाकुर ने बताया था, मैंने एक बार फिर पहलवानों को इसके लिए आमंत्रित किया है। इससे पहले 3 जून यानी शनिवार की रात पहलवानों ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। इस मीटिंग के बाद सरकार की ओर से एक बार फिर पहलवानों को उनके मुद्दों पर चर्चा के लिए बुलावा भेजा गया है।
इससे पहले 5 जून को बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट रेलवे में अपनी अपनी नौकरी पर वापस लौट गए थे। हालांकि, पहलवानों ने साफ कर दिया था कि जब तक महिला पहलवानों को न्याय नहीं मिलता, वे आंदोलन जारी रखेंगे।
भारतीय किसान यूनियन और खाप नेताओं ने पहलवानों के समर्थन में 9 जून को जंतर मंतर पर बुलाए गए विरोध-प्रदर्शन को रद्द कर दिया है। किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बताया कि सरकार ने प्रदर्शन कर रहे पहलवानों से बातचीत शुरू कर दी है, ऐसे में हमने विरोध प्रदर्शन को रद्द कर दिया गया है।
राकेश टिकैत ने कहा कि पहलवानों और सरकार के बीच बातचीत के नतीजे के आधार पर आगे की रणनीति तय होगी और विरोध किया जाएगा। राकेश टिकैत ने कहा कि यह विरोध प्रदर्शन पहलवानों का समर्थन करने के लिए है। इसलिए पहलवानों द्वारा की जाने वाली कार्रवाई के आधार पर विरोध प्रदर्शन की अगली तारीख का ऐलान किया जाएगा।
विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया के नेतृत्व में तमाम पहलवानों ने जनवरी में पहली बार कुश्ती संघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोला था। पहलवानों ने बृजभूषण शरण पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। तब खेल मंत्रालय के दखल के बाद पहलवानों का धरना खत्म हो गया था।
इसके बाद 23 अप्रैल को पहलवान दोबारा जंतर मंतर पर धरने पर बैठे। इसके साथ ही 7 महिला पहलवानों ने बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत दिल्ली पुलिस से की थी। पुलिस ने महिला पहलवानों की शिकायत पर बृजभूषण के खिलाफ दो मामले दर्ज किए हैं।
इन पहलवानों ने 23 अप्रैल से 28 मई तक जंतर मंतर पर धरना दिया था। पहलवानों ने 28 मई को जंतर मंतर से नई संसद तक मार्च निकाला था। इसी दिन पीएम मोदी नई संसद का उद्घाटन कर रहे थे। ऐसे में पुलिस ने मार्च की अनुमति नहीं थी। इसके बावजूद जब पहलवानों ने मार्च निकालने की कोशिश की थी, तो पुलिस के साथ हाथापाई और धक्का मुक्की हुई थी। इसके बाद पुलिस ने 28 मई को पुलिस ने पहलवानों को धरना स्थल से हटा दिया था।
पुलिस की कार्रवाई के विरोध में पहलवानों ने हरिद्वार में गंगा में अपने जीते हुए मेडल बहाने का ऐलान किया था। पहलवान हरिद्वार मेडल बहाने भी पहुंचे थे। लेकिन तब किसान नेता नरेश टिकैत ने पहलवानों को मेडल बहाने से रोक दिया था। इसके साथ ही किसान यूनियन ने सरकार को 5 दिन का अल्टीमेटम दिया था। यह सोमवार को खत्म हो गया। अब राकेश टिकैत ने कहा है कि पहलवानों द्वारा की जाने वाली कार्रवाई के आधार पर हम आगे कदम उठाएंगे।