नई दिल्ली : (मानवी मीडिया) बिहार में कुछ कंपनियों के कथित अवैध रेत खनन से जुड़े धन शोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा छापा मारे जाने के बाद लगभग 7.5 करोड़ रुपये की नकदी और सावधि जमा (एफडी) जब्त की गई। इस मामले में बिहार सरकार को 250 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ था। एजेंसी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
एजेंसी ने एक बयान में बताया कि पांच जून को पटना, झारखंड के धनबाद और हजारीबाग में 27 स्थानों और कोलकाता में दो फर्मों ‘ब्रॉडसन कमोडिटीज प्राइवेट लिमिटेड’, ‘आदित्य मल्टीकॉम प्राइवेट लिमिटेड’ तथा उनके निदेशकों, चार्टर्ड एकाउंटेंट और अन्य सहयोगियों के परिसरों में तलाशी ली गई।
बयान में कहा गया है कि आरोपियों के खिलाफ बिहार पुलिस द्वारा दर्ज की गईं अलग-अलग प्राथमिकियों पर संज्ञान लेने के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन का मामला दर्ज किया था। ईडी ने कहा, “खनन प्राधिकरण द्वारा जारी किए गए ‘विभागीय प्री-पेड परिवहन ई-चालान’ का उपयोग किए बिना अवैध रेत खनन और इसकी बिक्री करने के लिए आरोपियों के खिलाफ बिहार खनन विभाग की शिकायतों के आधार पर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थीं।
अवैध खनन और इसकी बिक्री के कारण सरकारी खजाने को लगभग 250 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ था।” इसने कहा कि छापेमारी में करीब 1.5 करोड़ रुपये नकद, 11 करोड़ रुपये की संपत्ति के दस्तावेज और छह करोड़ रुपये की एफडी रसीदें जब्त की गईं, जबकि 60 बैंक खातों के लेन-देन पर रोक लगा दी गई।