मध्य प्रदेश : (मानवी मीडिया) इंदौर में एक बेहद व्यस्त चौराहे पर धरना-प्रदर्शन और चक्का जाम कर रहे बजरंग दल कार्यकर्ताओं को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने बृहस्पतिवार देर रात लाठीचार्ज किया और 11 लोगों को एहतियातन गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शुक्रवार को मामले में जांच के आदेश दिए हैं। प्रदर्शनकारियों द्वारा शहर के पलासिया चौराहे पर यह आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था कि नशे के अवैध कारोबार में शामिल लोगों की शिकायत किए जाने पर इन व्यक्तियों की शह पर बजरंग दल कार्यकर्ताओं के खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए जा रहे हैं।
पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) धर्मेंद्र सिंह भदौरिया ने बताया कि बजरंग दल कार्यकर्ता बिना किसी अनुमति के इस बेहद व्यस्त चौराहे पर अचानक पहुंचकर धरना-प्रदर्शन करने लगे जिससे चारों रास्तों पर यातायात जाम की स्थिति पैदा हो गई।
उन्होंने बताया,"जब पुलिस के कई बार समझाने के बाद भी धरना-प्रदर्शन और चक्का जाम खत्म नहीं किया गया, तो हल्का बल प्रयोग कर प्रदर्शनकारियों को सड़क से हटाया गया।" डीसीपी ने बताया कि दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 151 (संज्ञेय अपराध घटित होने से रोकने के लिये की जाने वाली एहतियातन गिरफ्तारी) के तहत 11 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया।
भदौरिया के मुताबिक चक्का जाम के दौरान बजरंग दल के उग्र कार्यकर्ताओं पर काबू पाने के दौरान पांच पुलिस कर्मियों को चोटें आई हैं और इस दौरान कुछ लोगों ने पुलिस बल पर पथराव भी किया। डीसीपी ने कहा कि पुलिस इस घटनाक्रम को लेकर उचित कानूनी कार्रवाई कर रही है।
चश्मदीदों ने बताया कि बजरंग दल कार्यकर्ताओं के घंटे भर तक चले धरना-प्रदर्शन से पलासिया चौराहे पर वाहनों की लम्बी कतारें लग गईं और यातायात बाधित हुआ। उधर, सूबे में सत्तारूढ़ भाजपा ने पुलिस के लाठीचार्ज में बजरंग दल के 11 कार्यकर्ताओं के चोटिल होने का दावा किया है।
शहर भाजपा अध्यक्ष गौरव रणदिवे ने ‘‘पीटीआई-भाषा’’ से कहा, ‘‘बजरंग दल कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने बर्बर तरीके से लाठियां बरसाईं जिससे 11 लोगों को चोटें आईं।" उन्होंने मांग की कि इस घटनाक्रम की जांच के बाद दोषी पुलिसकर्मियों पर उचित कार्रवाई होनी चाहिए।