नई दिल्ली : (मानवी मीडिया) NIA ने जमात-ए-इस्लामी (J&K) टेरर फंडिंग मामले में 16 ठिकानों पर छापेमारी की. JEI सामाजिक सरोकार के नाम पर फंडिंग इकट्ठा करता था, जिससे वह आतंकी संगठनों को पैसे देता था. जेईआई 28 फरवरी 2019 को यूए (पी) अधिनियम के तहत एक गैरकानूनी संघ घोषित होने के बाद भी जम्मू और कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देता पाया गया है. एनआईए ने मामले में चार्जशीट दायर की थी.
गुरुवार को जेईआई (जम्मू-कश्मीर) के सदस्यों और समर्थकों के 16 परिसरों पर तलाशी ली गई, जिनमें 11 कश्मीर घाटी के बारामूला जिले में और बाकि 5 जम्मू क्षेत्र के किश्तवाड़ जिले में स्थित हैं. तलाशी के दौरान कई आपत्तिजनक सामग्री और डिजिटल उपकरण जब्त किए गए हैं. मामले में और सुराग के लिए जांच की जा रही है.
एनआईए ने की बड़ी कार्रवाई
एनआईए की अब तक की जांच से पता चला है कि जेईआई (जम्मू-कश्मीर) के सदस्य दान के माध्यम से घरेलू और विदेश से धन एकत्र कर रहे थे. पैसे विशेष रूप से जकात, मोवदा और बैत-उल-माल के रूप में जाम किए जाते थे. साथ ही पैसे कथित धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए, जैसे कि प्रचार करना, शिक्षा और स्वास्थ्य के नाम पर इकट्ठे किए जाते थे. इसके बजाय इस फंड का इस्तेमाल जम्मू-कश्मीर में हिंसक और अलगाववादी गतिविधियों के लिए किया जा रहा था. उन्हें जेईआई कैडरों के सुसंगठित नेटवर्क के माध्यम से प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों, जैसे हिज्ब-उल-मुजाहिदीन (एचएम), लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और अन्य के लिए भी भेजा जा रहा था.