क्राप वेदर वॉच ग्रुप ने किया मौसम पूर्वानुमान के आधार पर बेहतर कृषि रणनीतियों पर मंथन - मानवी मीडिया

निष्पक्ष एवं निर्भीक

.

Breaking

Post Top Ad

Post Top Ad

Wednesday, May 17, 2023

क्राप वेदर वॉच ग्रुप ने किया मौसम पूर्वानुमान के आधार पर बेहतर कृषि रणनीतियों पर मंथन



लखनऊ (मानवी मीडिया) उत्तर प्रदेश के कृषकों को आगामी सप्ताह हेतु मौसम आधारित कृषि परामर्श (क्राप वेदर वॉच ग्रुप) क्रॉप वेदर वॉच ग्रुप की वर्ष 2023-24 की द्वितीय बैठक डा. संजय सिंह, महानिदेशक, उ.प्र. कृषि अनुसंधान परिषद की अध्यक्षता में 17 मई, 2023 को उ.प्र. कृषि अनुसंधान परिषद के सभाकक्ष में सम्पन्न हुई। बैठक में आंचलिक भारतीय मौसम विज्ञान केन्द्र, अमौसी, लखनऊ, कृषि विश्वविद्यालयों के मौसम वैज्ञानिक एवं फसल वैज्ञानिकों, कृषि विभाग, उद्यान विभाग, पशुपालन विभाग, मत्स्य विभाग, गन्ना विभाग तथा परिषद के अधिकारियों / वैज्ञानिकों ने भाग लिया।

उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद के वैज्ञानिक अधिकारी एवं मीडिया प्रभारी विनोद कुमार तिवारी ने बताया कि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग से प्राप्त मौसम पूर्वानुमान एवं उपग्रह से प्राप्त चित्रों के विश्लेषण के अनुसार 17 मई से 23 मई तक उत्तर प्रदेश के पश्चिम, पूर्वी, मध्य एवं बुंदेलखण्ड के सभी जलवायुवीय क्षेत्रों में मौसम इस प्रकार रहने की संभावना है। सप्ताह के पहले दिन 17 मई को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ जनपदों में धूल भरी आंधी एवं गरज चमक के साथ छिटपुट वर्षा होने की संभावना है। इसके अतिरिक्त अन्य दिनों में पश्चिमी, पूर्वी, मध्य एवं बुंदेलखण्ड अंचलों में आसमान मुख्यतः साफ रहेगा। अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान में पहले 03 दिनों के दौरान कोई विशेष परिवर्तन होने की संभावना नहीं है। इसके उपरांत अगले दो दिनों 20 एवं 21 मई, में प्रदेश के सभी अंचलों में तापमान में 2 से 3 डिग्री सेंटीग्रेट वृद्धि होने की संभावना है। जिसके कारण बुंदेलखण्ड, विन्धयन क्षेत्र एवं आस-पास के जिलों में लू चलने की संभावना है। सप्ताह के पहले 5 दिनों में प्रदेश के ज्यादातर भागों में औसत से तेज लू गति से धूल भरी पश्चिमी हवायें चलने की संभावना है। सप्ताह के अंतिम दो दिनों 22 एवं 23 मई में प्रदेश के बुंदेलखण्ड, पश्चिमी एवं मध्य उत्तर प्रदेश के कुछ जनपदों में गरज चमक के साथ हल्की वर्षा होने की संभावना है। शेष अन्य अंचलों में मौसम सामान्यतः शुष्क बने रहने की संभावना है। सापेक्षिक आर्द्रता पहले 05 दिनों में अधिकतम 45 से 65 प्रतिशत के बीच एवं न्यूनतम 20 से 30 प्रतिशत के बीच रहने की संभावना है। अंतिम दो दिनों में 22 एवं 23 मई को बुंदेलखण्ड पश्चिमी एवं मध्य उत्तर प्रदेश के जनपदों में अधिकतम आर्द्रता 60 से 80 प्रतिशत एवं न्यूनतम 30 से 50 प्रतिशत के बीच रहने की संभावना है।

इस सप्ताह मौसम मुख्यतया प्रथम तीन दिन शुष्क तथा शेष दिनों में शुष्क-आर्द्र रहेगा। दिनांक 25 एवं 26 अप्रैल को पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ जनपदों में कहीं-कहीं हल्की वर्षा होने के आसार हैं। दिनांक 26 मई को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हल्की वर्षा होने की सम्भावना है। 27 मई को उत्तर प्रदेश के उत्तरी हिस्से में हल्की वर्षा होने की सम्भावना व्यक्त की गई है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में कहीं-कहीं तेज हवाओं के साथ ओले पड़ने की सम्भावना है। इस सप्ताह प्रदेश में मुख्यतया प्रारम्भ के तीन दिनों में उत्तरी-पश्चिमी तथा शेष दिनों में पूर्वी तथा दक्षिणी-पूर्वी हवाएँ औसतन 5-8 कि.मी./ घण्टा की गति से चलने की सम्भावना है। अधिकतम तापमान औसत रूप से सामान्य से 2-3 डिग्री अधिक रहने की सम्भावना है। न्यूनतम तापमान सभी अंचलों में औसत रूप से सामान्य से कम रहने की सम्भावना है। आपेक्षिक आर्द्रता 80-90 प्रतिशत तथा न्यूनतम आर्द्रता 35-50 प्रतिशत रहने के आसार है।

प्रदेश में संभावित मौसम के परिप्रेक्ष्य में किसानों को अगले सप्ताह कृषि प्रबन्धन के लिए खरीफ फसलों की बुवाई से पहले मृदा परीक्षण कराने, धान की रोपाई वाले प्रक्षेत्रों में हरी खाद के लिए सनई की 80-90 किग्रा एवं ऊँचा 60 किग्रा. बीज प्रति है की दर से बुआई करने, धान के बीज को ट्राइकोडर्मा हरजियेनम की 4 से 6 ग्राम प्रति किलोग्राम की दर से शोधित करके बोने के सुझाव दिए गए हैं।

इसी प्रकार भूमि जनित रोगों के नियंत्रण हेतु ट्राइकोडर्मा विरडी 1 प्रतिशत डब्ल्यू.पी. अथवा ट्राइकोडर्मा हरजियेनम 2 प्रतिशत डब्ल्यू.पी की 2.5 किग्रा को 60-75 किग्रा. सड़ी हुई गोबर की खाद में मिलाकर हल्के पानी का छींटा देकर 8-10 दिन तक छाया में रखने के उपरान्त एक हेक्टेयर क्षेत्र की बुआई के पूर्व आखिरी जुताई के समय भूमि में मिला देने से शीथ ब्लाईट, मिथ्या कण्डुआ आदि रोगों से बचाव किया जा सकता है। आगामी सप्ताह में तापमान अधिक रहेगा अतः उर्द, मूंग, सूरजमुखी, गर्मी की सब्जियों की फसलों एवं लीची व आम के बागों में पर्याप्त नमी बनाये रखें।

साथ ही किसानों से यह अपेक्षा रखी गई है कि वे धान की मध्यम अवधि वाली प्रजातियां यथा एन. डी. आर. - 2064. एन. डी.आर.-2065, नरेन्द्र धान-359, मालवीय धान-36, एच.यू. आर. 907. नरेन्द्र 3112-1, शियाट्स धान- 1. शियाट्स धान-2 सरजू-52. एम. टी. यू. 10. पंत धान-24, पंत धान-26 पंत धान-28 आदि के बीज की व्यवस्था करें। संकर प्रजातियों यथा एराइज-6644 गोल्ड, प्रो. एग्रो-6201 एराइज, प्रो. एग्रो-6444 एराइज, एच.आर.आई. - 157. पी. एच. बी. - 71, नरेन्द्र संकर धान-2, 3. के. आर.एच. 2. पी. आर.एच.-10. जे. के. आर.एच.-401. वी.एस. आर. 202, यू.एस. 312, आर. एच. 1531, सहयाद्री 4 सवा 127 आदि के बीज की व्यवस्था करें ताकि जून के प्रथम सप्ताह में नर्सरी डाली जा सके।

Post Top Ad