लखनऊः (मानवी मीडिया) उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में आज यहाँ राजभवन के गाँधी सभागार में समारोह पूर्वक गोवा राज्य का स्थापना दिवस मनाया गया। इस अवसर पर सम्बोधित करते हुए राज्यपाल ने सभी को गोवा स्थापना दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि गोवा राज्य अपने साम्प्रदायिक सद्भाव, असाधारण, सुंदरता, जीवंत संस्कृति, पर्यटकीय सौन्दर्य के लिए प्रसिद्ध है। हमारा देश भारत सांस्कृतिक विविधताओं को साझा करने वाला देश है।
अपने सम्बोधन में राज्यपाल ने देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की अभिनव पहल ‘‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत‘‘ की विशेष चर्चा करते हुए कहा कि उनकी इस महान सोच से प्रेरित होकर, उनके विजन के अंतर्गत देश के विभिन्न प्रदेशों के स्थापना दिवस का आयोजन हो रहा है। इससे हमे अपने देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को जानने और समझने का अवसर मिलेगा। राज्यों के बीच आपसी समझ, खान-पान, परिधान, मनोरम स्थलों की जानकारियाँ बढें़गी, जो आपसी सम्बन्धों को मजबूत करेंगी और राष्ट्रीय एकता की भावना प्रगाढ़ होगी। राज्यपाल जी ने कहा कि भारत परिधान, पर्व, आभूषण, वनस्पति, वातावरण, व्यंजन और पर्यटन की विविधताओं से भरा हुआ है। उन्होंने कहा कि हम सबको भ्रमण शील होना चाहिए। उन्होंने विशेष रूप से बच्चों को छोटी उम्र में भ्रमण पर ले जाने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि इससे बाल्यावस्था से ही हमारे बच्चों में सांस्कृतिक विविधता की जानकारी और जुड़ाव की भावना विकसित होगी। भ्रमण करने से सहज ही नयी चीजों को सीखने और समझने का अवसर प्राप्त होता है। उन्होंने इस अवसर पर विश्व में तेजी से उभरती भारतीय शक्ति और भारत से विश्व की बढ़ती आशाओं पर भी चर्चा की।
राज्यपाल ने समारोह में कलाकारों द्वारा प्रस्तुत मोहक प्रस्तुतियों तथा गोवा पर राजभवन के आई0टी0 सेल द्वारा निर्मित डाक्यूमेंट्री की विशेष प्रशंसा की। यहाँ उल्लेखनीय है कि आज के इस समारोह में उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, प्रयागराज के कलाकारों ने गोवा के आदिवासी समुदाय द्वारा किया जाने वाला लोकनृत्य ‘कुनबी‘ तथा भातखण्डे विश्वविद्यालय, लखनऊ के विद्यार्थियों ने गोवा का सुप्रसिद्ध मछुआरा नृत्य ‘‘कोली नृत्य‘‘ की मनोरम प्रस्तुति की।
कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव राज्यपाल डॉ0 सुधीर एम0 बोबडे ने देश के प्रधानमंत्री के विजन ‘‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत‘‘ के तहत विभिन्न राज्यों के स्थापना दिवस मनाने के औचित्य पर विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने कहा कि यह पूरे देश को राष्ट्र भावना के एक सूत्र में बाधने का विजन है और ऐसे आयोजन से देश में सांस्कृतिक साझेदारी को बढ़ावा मिलेगा।
इस अवसर समारोह में आई.आई.टी. कानपुर में अध्ययनरत गोवा निवासी डॉ0 केवल रमानी, आदित्य कामत, रश्मि चोडनकर, केदार दिलोचकर, लखनऊ पर्यटन अध्ययन संस्थान के विद्यार्थी, उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र तथा भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय के कलाकार, राजभवन के अधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित थे