लखनऊ (मानवी मीडिया) लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रों ने पीने वाले पानी को लेकर बुधवार को लविवि परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। छात्रों का कहना है कि छात्रावासों में लगे वाटर कूलर्स का पानी पीने लायक नहीं है इसके अलावा कुछ स्थानों पर वाटर कूलर जर्जर और निष्क्रिय हो चुके हैं। जिसको लेकर नाराज़ छात्रों ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेतृत्व में अधिष्ठाता छात्र कल्याण को ज्ञापन देने पहुंचे।
लेकिन उनकी बात नहीं सुने जाने पर सभी अधिष्ठाता छात्र कल्याण कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गए। वहीं इस दौरान जब अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. पूनम टंडन कार्यालय से निकलीं और गाड़ी में बैठकर जाने लगी तभी प्रदर्शन कर रहे छात्र उनकी गाड़ी के सामने लेट गए और विरोध जताने लगे। इसके बाद गाड़ी के सामने लेटे छात्रों को प्रोक्तटोरियल बोर्ड के सदस्यों ने हटाने की खूब कोशिश की लेकिन छात्र अपनी ज़िद पर अड़े रहे।
बता दें कि एबीवीपी के छात्र नेताओं ने बताया कि उन्हें कई दिनों से दूषित पानी की शिकायतें आ रही थीं। जिसको लेकर एबीवीपी ने विश्वविद्यालय परिसर और छात्रावासों में पेयजल का टीडीएस (कुल घुलित ठोस) की जांच की तो सभी जगह टीडीएस निर्धारित मात्रा से अधिक पाया गया। इस बात को लेकर अधिष्ठाता छात्र कल्याण को भी अवगत कराया गया था। लेकिन कोई भी कार्रवाई नहीं की गई।
जबकि स्वच्छ पेयजल का मानक 50 से 150 के बीच होता है। ऐसे में वाटर कूलर का पानी पीने लायक नहीं है। इसको लेकर पहले अधिष्ठाता छात्र कल्याण को अवगत भी कराया गया। लेकिन एक सप्ताह बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। वहीं जब उन्हें इस समस्या को लेकर ज्ञापन देने पहुंचे तो अधिष्ठाता छात्र कल्याण ने लेने से मना कर दिया। इसके बाद छात्रों को धरने पर बैठना पड़ा।