नई दिल्ली (मानवी मीडिया) दिल्ली उच्च न्यायालय ने ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) को एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) की ओर से दायर मानहानि के उस मुकदमे में सोमवार को नोटिस जारी किया, जिसमें दावा किया गया है कि उसके एक वृत्तचित्र में भारत, न्यायपालिका तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रतिष्ठा को क्षति पहुंचायी गयी है।
न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने बीबीसी (ब्रिटेन) के अलावा बीबीसी (भारत) को भी नोटिस जारी किया है और उनसे गुजरात के गैर सरकार संगठन ‘जस्टिस ऑन ट्रायल’ की ओर से दायर मुकदमे पर जवाब देने को कहा है। याचिका में कहा गया कि बीबीसी (भारत) स्थानीय संचालन कार्यालय है और बीबीसी (ब्रिटेन) ने वृत्तचित्र ‘इंडिया : द मोदी क्वेश्चन’ जारी किया। इसके दो भाग हैं, जिन्हें जनवरी 2023 को जारी किया गया।
वृत्तचित्र 2002 में गुजरात में हुए दंगों पर आधारित है जब नरेन्द्र मोदी राज्य के मुख्यमंत्री थे। अदालत ने कहा, ‘‘ प्रतिवादियों को सभी स्वीकार्य तरीकों से नोटिस जारी करें और मामले को आगे की सुनवाई के लिए 25 सितंबर को सूचीबद्ध किया जाए।’’ सरकार ने वृत्तचित्र पर रिलीज होने के तुरंत बाद ही प्रतिबंध लगा दिया था।
एनजीओ की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि बीबीसी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा वृत्तचित्र के संबंध में दायर किया गया है, जिसने भारत तथा न्यायपालिका समेत उसके पूरे तंत्र की ‘‘मानहानि’’ की है।