लखनऊ (मानवी मीडिया) जल्द ही नौ जिलों में सिटी स्कैन यूनिट लगेगी। इसके बाद प्रदेश के हर जिले में मरीजों को निशुल्क सिटी स्कैन की सुविधा मिलने लगेगी। अभी 66 जिले में यह सुविधा मिल रही है।
प्रदेश के हर जिले में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर सिटी स्कैन मशीनें लगाई जा रही हैं। अभी तक 66 जिले में पीपीपी मॉडल पर सिटी स्कैन मशीनें लगी हुई हैं।
अब नौ नई यूनिटें लगाने की तैयारी चल रही है। इसे जुलाई तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। हर जिले में सिटी स्कैन की निशुल्क सुविधा होने से सिर की गंभीर बीमारी या चोट लगे मरीजों को राहत मिलेगी। उन्हें जांच के लिए लखनऊ, गोरखपुर, कानपुर, आगरा, झांसी, प्रयागराज, वाराणसी सहित अन्य महानगरों में नहीं जाना पड़ेगा।
बल्कि मरीज अपने ही जिले में जांच करा सकेगा। प्राइवेट डायग्नोसिटिक सेंटर में सीटी स्कैन जांच करीब 1000 रुपये से लेकर 2500 रुपये में हो रही है। अलग- अलग हिस्से की सिटी स्कैन की कीमत बढ़ जाती है। सरकारी अस्पताल में यह सुविधा होने से मरीजों को राहत मिलेगी।
स्वास्थ्य विभाग के निदेशक (चिकित्सा एवं उपचार) डा. केएन तिवारी का कहना है कि प्रदेश के हर जिला चिकित्सालय को सिटी स्कैन की सुविधा से सुसज्जित करने का प्रयास किया जा रहा है। पीपीपी माडल पर यूनिट लगाने वाली कंपनी को सरकार भुगतान करेगी।
इसके लिए कंपनी जांच कराने वाले मरीजों का विवरण संबंधित अस्पताल से सत्पापित कर भेजती है। संयुक्त निदेशक डा. वीके सिंह ने बताया कि लखनऊ के सिविल अस्पताल और लोकबंधु अस्पताल में सिटी स्कैन की सुविधा दी गई है।
जहां मरीजों का दवाब अधिक है, उन जिलों में अतिरिक्त यूनिट भी लगाई जाएगी। इसके लिए मरीजों की संख्या का आकलन किया जा रहा है।