लखनऊ (मानवी मीडिया) केरल के बाद प्रतिबंधित संगठन पीएफआई का लखनऊ में नया ठिकाना बनाया है. पीएफआई का एक्शन मोड यूपी एटीएस डिकोड करेगी. प्रतिबंधित संगठन पीएफआई अब यूपी से नए सिरे से शुरुआत की तैयारी कर रहा है. दक्षिण भारतीय राज्य केरल कर्नाटक और तमिलनाडु में पीएफआई के तमाम लीडर फरार हैं तो हजारों लोगों ने संगठन से खुद को दूर कर लिया है. ऐसे में पीएफआई के बचे खुचे सक्रिय सदस्यों ने एक बार फिर से संगठन खड़ा करने की तैयारी शुरू कर दी है और इस बार सेंटर बनाया है यूपी की राजधानी लखनऊ को. यूपी की सुरक्षा एजेंसियों के लिए पीएफआई का ये प्लान खतरे की घंटी से कम नहीं है.
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की स्थापना 22 नवंबर 2006 को 3 मुस्लिम संगठन केरल का नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और तमिलनाडु का मनीता नीति पसरई को मिलाकर की गई थी. पीएफआई एक भारतीय मुस्लिम राजनीतिक संगठन था जो अपनी तमाम सोशल और पॉलिटिकल विंग के जरिए विभिन्न आंदोलनों की आड़ में चरमपंथी मुस्लिमों की रहनुमाई कर रहा था. पीएफआई पर राष्ट्र विरोधी और असामाजिक गतिविधियों में शामिल होने का आरोप था. दक्षिण भारतीय राज्यों में पीएफआई पर तमाम गंभीर आरोप हैं.
लखनऊ में सीएए और एनआरसी आंदोलन में पीएफआई के सदस्यों ने हिंसा की थी. 22 सितंबर 2022 को एनआईए ने ईडी, एटीएस और पुलिस के साथ मिलकर देश के 15 राज्यों में वृहद छापेमारी अभियान चलाया. टेरर फंडिंग और कैंप चलाने के आरोप में पीएफआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओएमएस सलाम और दिल्ली के अध्यक्ष परवेज अहमद समेत देशभर से 106 लोगों को गिरफ्तार किया गया. केंद्र सरकार ने 28 सितंबर 2022 को पीएफआई पर 5 साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया था.