लखनऊ (मानवी मीडिया) प्रदेश के सभी विभागों में निजी वाहनों को अनुबंध कर व्यावसायिक इस्तेमाल करने का बड़ा मामला परिवहन विभाग के संज्ञान में आया है जिसको लेकर परिवहन आयुक्त ने कड़ा रुख अपनाते हुये सभी आरटीओ को जांच करने के निर्देश दिये हैं।
सरकारी विभागों में निजी वाहनों से अनुबंध कर उनका व्यावसायिक इस्तेमाल करने के खुलासे के बाद संभागीय परिवहन अधिकारी आरटीओ को बैंक, लोनिवि, निजी संस्थान, एफसीआई, मेट्रो रेल और विवि और जुड़े शिक्षण संस्थानों पर विशेष निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं। इनका सर्वे कर जांच रिपोर्ट बनेगी, जिसके आधार पर रिर्पोट तैयार करेंगे। उसी रिपोर्ट पर एमवी एक्ट की विभिन्न धारा में कार्रवाई होगी।
परिवहन आयुक्त चन्द्र भूषण सिंह को जानकारी मिली है कि ग्रामीण क्षेत्रों और छोटे कब्बों में निजी वाहन के तौर पर पंजीकृत वाहन कामर्शियल में इस्तेमाल किए जा रहे हैं, इसका कड़ाई से प्रतिबंध लगाने के लिए आरटीओ, एआरटीओ और यात्रीकर अधिकारियों से अपेक्षा की गई है। परिवहन आयुक्त ने कहा है कि निजी वाहनों के व्यावसायिक इस्तेमाल पर परिवहन विभाग को राजस्व हानि के साथ राज्य के सकल घरेलू आय पर भी असर पड़ा है। उन्होनें जनपदवार विभागों में चल रहे वाहनों का सर्वे कराकर रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है।
लखनऊ में 5 हजार निजी वाहन, होगी कार्रवाई
एआरटीओ प्रशासन अखिलेश द्विवेदी ने बताया कि लखनऊ में करीब पांच हजार निजी वाहन व्यावसायिक तौर पर चल रहे हैं। ऐसे वाहनों से अनुबंध करने वाले केंद्र सरकार के पांच विभागों को नोटिस भेजा गया है। बाकी विभागों में अनुबंध पर चल रहे वाहनों की जांच चल रही है, जिसकी रिपोर्ट जल्द ही परिवहन आयुक्त चन्द्र भूषण सिंह को सौंपी जाएगी जिसके बाद बड़े पैमाने पर कार्रवाई की जायेगी ।