लखनऊ (मानवी मीडिया) डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में सेवा प्रदाता फर्म सुदर्शन फैसिलिटी प्रा लि पर गंभीर आरोप लग रहे हैं। आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का वेतन महीने की 15 तारीख बीते जाने के बाद दिया जा रहा है। इस महीने का वेतन 15 मई यानी की सोमवार को 11 बजे तक कर्मचारियों को नहीं मिल सका था। कर्मचारी लगातार वेतन के लिए सोशल मीडिया पर गुहार लगा रहे थे।
दरअसल, ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है जब सेवा प्रदाता फर्म यानी की एजेंसी आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का वेतन देने में मनमानी कर ही हो। बताया जा रहा है एजेंसी बीते एक साल से शासनादेश का खुला उलंघन कर रही है। कर्मचारियों का आरोप तो यहां तक है कि संस्थान के कुछ प्रशासनिक अधिकारियों के इशारे पर एजेंसी मनमानी कर रही है। जिससे आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं।
यह हाल तब है जब शासन ने सख्त निर्देश दिए है कि हर माह की 7 तारीख तक आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का वेतन भुगतान कर दिया जाये। ऐसा न करने पर 18 प्रतिशत ब्याज सहित भुगतान करना होगा। आरोप है कि पिछले एक वर्ष से कभी भी वेतन 15 तारीख से पहले नहीं आया संस्थान के अधिकारी फर्म पर कार्यवाही करने के बजाय बिल जांच के नाम पर वेतन रोक देते है।
जिससे कर्मचारी भुखमरी की कगार पर है बच्चों की फीस और कमरे का किराया जमा नहीं हो रहा है। संस्थान के अधिकारी आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की समस्या नहीं सुनते बल्कि समस्या बताने वाले को बाहर का रास्ता दिखा देते है। इससे आउटसोर्सिंग कर्मचारियों में आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है।