नई दिल्ली( मानवी मीडिया): 1000 रुपए के नोट की वापसी पर आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि 1000 रुपये के नोट को दोबारा से लाने की कोई प्लानिंग आरबीआई नहीं कर रहा है। जब उनसे पूछा गया कि क्या 1,000 रुपए के नोटों को फिर से सिस्टम लाने की संभावना है तो दास ने जवाब में कहा कि यह सब अटकलें हैं। अभी ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है।
आरबीआई ने नवंबर 2016 में 500 और 1000 रुपये के नोट को बंद करने के बाद 2000 रुपये के नोट को जारी किया था। अब इसे 30 सितंबर तक बैंकों में डिपॉजिट या बदलवाना होगा। जिसका प्रोसेस मंगलवार से शुरू हो रहा है। 1000 रुपये और 500 रुपये के नोटों को बंद करने के बाद रातोंरात 10 लाख करोड़ रुपये गायब हो गए थे। इसी की भरपाई के लिए 2000 रुपये के नोटों को लाया गया था।
आरबीआई ने कहा कि सिस्टम में उस समय रुपयों की जरुरत थी। मौजूदा समय में पर्याप्त मात्रा में दूसरे वैल्यू के नोट भी अवेबल हैं और 2000 रुपये के नोटों का उद्देयश् भी पूरा हो चुका है। जिसकी वजह से साल 2018-19 में इसकी छपाई भी बंद कर दी गई थी।
पत्रकारों से बात करते हुए, दास ने यह भी कहा कि किसी को भी अपने 2,000 रुपये के नोट बदलने के लिए किसी तरह की जल्दबाजी करने की जरुरत नहीं है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि अब बैंकों में भीड़ लगाने का कोई कारण नहीं है। आपके पास 30 सितंबर तक चार महीने हैं। उन्होंने कहा कि 2000 रुपये के नोट को बंद करने का असर इकोनॉमी पर काफी कम पड़ेगा। उन्होंने कहा कि 2,000 रुपये के नोट सर्कूलेशन मौजूद कुल करेंसी का महज 10.8 फीसदी हैं।