राज्यपाल ने प्रस्तुतिकरण का बिंदुवार अवलोकन करते हुए हर गतिविधि पर अलग-अलग और विविधता वाले फोटोग्राफ लगाने और कैप्शन में विवरण अंकित करने को कहा। उन्होंने कहा कि प्रस्तुतिकरण में व्यापक सुधार की आवयकता है, संस्थान अपनी विशिष्ट चिकित्सा व्यवस्था के लिए विख्यात है। इसलिए डेटा को व्यवस्थित करें और प्रस्तुतिकरण में सुधार हेतु सूची बनाकर कार्य करें।
राज्यपाल ने बैठक के के दौरान कहा कि एस0जी0पी0जी0आई0 के चिकित्सकों द्वारा अपने चिकित्सा कार्यों से इतर अन्य कार्यों के सम्पादन में समयाभाव एक बड़ी बाधा है। तथापि संस्थान के बेहतर हित में किया जा रहा यह प्रयास सराहनीय है। उन्होंने इसी क्रम में नैक ग्रेडिंग की तैयारी के लिए गठित टीम में नए विद्यार्थियों को भी जोड़ने और उन्हें भी जिम्मेदारी देने का सुझाव दिया। राज्यपाल जी ने प्रस्तुति में संस्थान की उपलब्धियों की चर्चा के दौरान भाषा-गठन के अभाव को भी लक्ष्य किया। समृद्ध भाषा गठन में प्रस्तुति तैयार करने का सुझाव देते हुए उन्होंने इसके लिए अन्य विश्वविद्यालयों के भाषा शिक्षकों से सहयोग पर विचार करने को कहा। क्राइटेरिया छः और सात के प्रस्तुतिकरण में पूर्ण बदलाव करने के निर्देश के साथ राज्यपाल जी ने क्राइटेरिया दो का पुनर्लेखन करने को कहा।
यहाँ उल्लेखनीय है कि संजय गाँधी पोस्ट ग्रेजुएट आयुर्विज्ञान संस्थान पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली ग्रेडिंग नैक के लिए अपनी सेल्फ स्टडी रिपोर्ट दाखिल करने की तैयारी कर रहा है। जबकि संस्थान को पूर्व से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मूल्यांकनों में उल्लेखनीय स्थान हासिल हैं।
बैठक में आज एस0जी0पी0जी0आई0 के निदेशक डॉ0 आर0 के धीमन के नेतृत्व में संस्थान की नैक हेतु गठित टीम के सदस्यों ने बिंदुवार प्रस्तुतिकरण दिया। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राज्यपाल कल्पना अवस्थी, विशेष कार्याधिकारी शिक्षा पंकज जॉनी तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे