प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को यहां सिविल सेवा दिवस के मौके पर बधाई देते हुए कहा कि उनकी सरकार ‘राष्ट्र प्रथम नागरिक प्रथम’ के ध्येय वाक्य को सूत्र मानकर काम करती है। उन्होंने कहा कि देश ने नौकरशाहों को बहुत बड़ी जिम्मेदारी दी है और उन पर भरोसा किया है। नौकरशाहों को भी इस भरोसे को कायम रखते हुए अपने सभी फैसलों के केंद्र में केवल और केवल राष्ट्रहित को रखना चाहिए।
उन्होंने कहा, आज मैं भारत की ब्यूरोक्रेसी से, भारत के हर सरकारी कर्मचारी से, चाहे वो राज्य सरकार में हो या केंद्र सरकार में, एक आग्रह करना चाहता हूं कि देश ने आप पर बहुत भरोसा किया है, आप को मौका दिया है, इस भरोसे को कायम रखिए। आपकी सर्विस में आप के निर्णय का आधार सिर्फ और सिर्फ देशहित होना चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि मैं देश के ब्यूरोक्रेट्स के लिए इस लाइन में एक और बात जोड़ना चाहता हूं। मुझे विश्वास है कि आप इस कसौटी पर भी खरा उतरेंगे। किसी भी लोकतंत्र में राजनीतिक दलों का बहुत महत्व होता ही है और ये बहुत आवश्यक भी है। ये लोकतंत्र की खूबसूरती है। हल दल की अपनी विचारधारा होती है, संविधान ने हर दल को ये अधिकार दिया है। लेकिन नौकरशाह के तौर पर, एक कर्मचारी के तौर पर अब आपको हर निर्णय में कुछ सवालों का अब अवश्य ध्यान रखना पड़ेगा। आखिर जो राजनीतिक दल सत्ता में आया है वो टैक्सपेयर का पैसा देशहित में लगा रहा है या उसका कहां इस्तेमाल कर रहा है? कहीं देश का धनु लुटाया तो नहीं जा रहा है।