दुनिया भर में गूंजी प्रधानमंत्री मोदी के ‘मन की बात’, बोले- - मानवी मीडिया

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Sunday, April 30, 2023

दुनिया भर में गूंजी प्रधानमंत्री मोदी के ‘मन की बात’, बोले-

 


नई दिल्ली (मानवी मीडिया): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 100वीं बार देश से मन की बात की। इसमें वह लोगों से सीधा संवाद किया। उन्होंने बताया कि उन्हें कई लोगों की चिट्ठियां मिली हैं जिससे उन्हें काफी खुशी मिली है। आज मन की बात का 100वां एपिसोड है। पीएम मोदी ने मन की बात को अनोखा पर्व बताया और कहा कि ये उत्सव हर महीने आता है।

बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी के ‘मन की बात’ के 100वें एपिसोड को लेकर मेगा तैयारी की गई है। देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी कई जगहों पर इसके प्रसारण की व्यवस्था की गई है। लंदन से लेकर यूएन के मुख्यालय तक में इस कार्यक्रम का प्रसारण किया जाएगा। भाजपा इसे मेगा इवेंट बना रही है। इस एपिसोड का लाइव ब्रॉडकास्ट देशभर में बूथ स्तर पर चाल लाख सेंटरों पर किया जा रहा है।

मन की बाद के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, मेरे प्यारे देशवासियों, नमस्कार, आज मन की बात का 100वां एपिसोड है। मुझे आप सब के लाखों संदेश मिले हैं। मैंने कोशिश की है कि ज्यादा से ज्यादा संदेशों को समझ सकूं। आपके पत्र पढ़ते हुए कई बार मैं भावुक हो गया। भावनाओं में बह गया। फिर खुद को संभाला भी। आपने मुझे मन की बात के 100वें एपिसोड की बधाई दी लेकिन बधाई के पात्र तो आप सभी श्रोता हैं। आप सभी देशवासियों का धन्यवादा।

साथियो, 3 अक्टूबर 2014 विजयदशमी के पर्व पर हम सबने मिलकर यह यात्रा शुरू की थी। इसका मतलब है बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है। कई बार यकीन नहीं होता कि मन की बात को इतने महीने और इतने साल गुजर गए। हर एपिसोड अपने आप में खास रहा। हर बार नवीनता, हर बार नई सफलताओं का विस्तार। देश के कोने-कोने से लोग जुड़े। हर आयुवर्ग के लोग जुड़े। स्वच्छ भारत आंदोलन, बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ, आजादी का अमृत महोत्सव हो, मन की बात की हर बात बन गई जन आंदोलन।

मन की बात दूसरे के गुणों से सीखने का माध्यम बन गई है। इस कार्यक्रम में मुझे कभी आपसे दूर नहीं होने दिया। यहां आने के बाद मुझे लगा कि यहां का जीवन अलग है। शुरुआती दिनों में मैं खाली खाली महसूस करता था। 50 साल पहले अपना घर इसलिए नहीं छोड़ा था कि अपने ही देश के लोगों से संपर्क कट जाएगा। मन की बात ने मुझे इस चुनौती का समाधान दिया। सामान्य लोगों से जुड़ने का रास्ता दिया। पदभार व्यवस्था तक सीमित रहा, लेकिन जनभाव कोटि कोटि जनों के साथ मेरे भाव विश्व का अटूट अंग बन गए। हर महीने मैं देशवासियों के अद्भुत स्वरूप का दर्शन करता हूं। मैं देशवासियों की मेहनत की पराकाष्ठा को देखता हूं. मुझे लगता ही नहीं है कि मैं आपसे थोड़ा भी दूर हूं। मेरे लिए यह कार्यक्रम नहीं है बल्कि एक आस्था, पूजा और व्रत है। जैसे लोग ईश्वर की पूजा करते हैं तो प्रसाद की थाल लाते हैं। मेरे लिए मन की बात ईश्वर रूपी जनता जनार्दन के चरणों में प्रसाद की थाल की तरह है।

मन की बात अहम से समष्टि की यात्रा है। आप कल्पना करेंगे कि मेरा कोई भी देशवासी 40 साल से निर्जन पहाड़ी पर पेड़ लगा रहे हैं। कितने ही लोग जल संरक्षण के लिए तालाब बना रहे हैं। उसकी सफाई कर रहे हैं। कोई 30 साल से बच्चों को पढ़ा रहा है। कोई गरीबों की मदद कर रहा है। कितनी ही बार मन की बात में इनका जिक्र करते हुए मैं भावुक हो गया। आकाशवाणी के साथियों को इसे फिर से रिकॉर्ड करना पड़ा। आज पिछला कितना ही कुछ आंखों के सामने आए जा रहा है। देशवासियों ने मुझे खुद को खपाने की प्रेरणा दी है। हम इसमें जिन लोगों का जिक्र करते हैं, वे हमारे हीरो हैं जिन्होंने इसे जीवंत बनाया है।

मेरी इच्छा है कि एक बार फिर उनके पास जाकर उनकी यात्रा के बारे में जानें। मेरे साथ जुड़ रहे हैं हरियाणा के सुनील जबरान जी। उनका प्रभाव इसलिए पड़ा क्योंकि हरियाणा में जेंडर रेशियो की चर्चा हुई। सुनील जी के सेल्फी विद डॉटर कैंपेन पर नजर पड़ी तो बहुत असर पड़ा। यह एक ग्लोबल कैंपेन में बदल गया। इसका मुद्दा बेटी को प्रमुखता देने का था। जीवन में बेटी का स्थान कितना बड़ा होता है, इस अभियान से पता चला। ऐसे अनेक प्रयास का परिणाम है कि हरियाणा में जेंडर रेशियो सुधरा है।

इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी सुनील जबरान जी से बात करते हैं। प्रधानमंत्री ने इस बातचीत के बाद कहा, सेना हो या खेल जगत जब भी महिलाओं की उपलब्धियों की बात की है, खूब प्रशंसा हुई। छत्तीसगढ़ की महिलाओं की चर्चा की। ये महिलाएं स्वयं सहायता समूह के जरिए सफाई करती हैं। तमिलनाडु की महिलाओं ने हजारों टेराकोटा कप निर्यात किए। महिलाओं ने नाग नदी को जीवित किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके बाद जम्मू-कश्मीर के मंजू अहमद से बात की जो कि पेंसिल और स्लेट का व्यवसाय करते हैं। उन्होंने कहा कि इससे बहुत लोगों को फायदा मिला है। इससे नई पहचान बनी है और बहुत सारे लोग उनके पास आ रहे हैं।

हमारे देश में बहुत सारे लोग हैं जो कि मेहनत के दम पर सफलता के शिखर तक पहुंचे हैं। बेतिया के प्रमुख जी ने या गढ़ मुक्तेश्वर के संतोष जी ने काम शुरू किया तो वह लोगों के लिए प्रेरणा बने। हमने मेक इन इंडिया से स्पेस स्टार्टअप तक की चर्चा मन की बात में की। हमने मणिपुर की विजय शांति देवी का भी जिक्र किया था। वह कमल के रेशों से कपड़े बनाते हैं. आज वह हमारे साथ फोन पर हैं। प्रधानमंत्री मोदी विजय शांति से बात करते हैं।

पीएम मोदी ने आगे कहा, इस कार्यक्रम के जरिए कितने ही जन आंदोलनों ने जन्म लिया है। जैसे की हमारे खिलौनों को फिर से स्थापित करना का काम मन की बात से ही शुरू हुआ था। हमने गरीब छोटे दुकानदारों से मोलभाव ना करने की मुहिम भी शुरू हुई थी। हर घर तिरंगा अभियान भी मन की बात से शुरू हुआ। ऐसे कई उदाहरण हैं जो कि समाज को प्रेरित करने का कारण बने। ऐसा ही बीड़ा प्रदीप सांगवान जी ने भी उठाया था। उनके फीलिंग हिमलयाज अभियान की चर्चा हुई थी।

बता दें कि पीएम मोदी का यह कार्यक्रम सबसे पहले 3 अक्टूबर 2014 को प्रसारित किया गया था। उसके बाद से अब तक हर महीने के आखिरी रविवार को इसका प्रसारण किया जाता है। आकाशवाणी इसकी रिकॉर्डिंग करता है और फिर प्रसारित करता है। आकाशवाणी और दूरदर्शन के अलावा प्राइवेट चैनल भी इसे प्रसारित करते हैं। इस कार्यक्राम का प्रसारण 23 भाषाओं में किया जाता है। 31 जनवरी 2016 से इसका अंग्रेजी में भी प्रसारण शुरू किया गया। इसके अलावा संस्कृत में भी मन की बात का प्रसारण होता है।

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