दुनिया की सबसे ऊंची शिंकुला टनल का निर्माण करेगा बीआरओ - मानवी मीडिया

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Sunday, April 9, 2023

दुनिया की सबसे ऊंची शिंकुला टनल का निर्माण करेगा बीआरओ


शिमला (मानवी मीडियाहिमाचल प्रदेश के जिला लाहुल स्पीति की सबसे ऊंची टनल बनने जा रही है। अटल टनल रोहतांग के बाद अब यह टनल दुनिया की सबसे ऊंची शिंकुला टनल होगी। यह जानकारी सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के महानिदेशक (डीजी) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने अटल टनल के नार्थ पोर्टल में मीडिया से बातचीत के दौरान दी। उन्होंने कहा कि अटल टनल रोहतांग के बाद अब बीआरओ दुनिया की सबसे ऊंची और लंबी टनल का निर्माण करने जा रहा है। यह टनल कई मायनों में अहम है। यह टनल सीमा तक रसद पहुंचाने का तीसरा और सबसे सुरक्षित विकल्प होगी। 

उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में लेह लद्दाख के लिए पहला विकल्प जोजिला पास जो पाकिस्तान सीमा क्षेत्र से सटा है और दूसरा विकल्प बारालाचा पास है, जो चीन सीमा से सटा है। अब यह तीसरा मार्ग शिंकुला पास में टनल के माध्यम से बनेगा। यह मार्ग दोनों देशों की सीमा से दूर मध्य में होगा। ऐसे में यह मार्ग काफी महत्वपूर्ण होगा। श्रीनगर लेह के बीच जोजिला पास में युद्धस्तर पर टनल का निर्माण कार्य चल रहा है। स्पीति को भी लेह से जोड़ने की योजना तैयार है। लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने बताया कि बीआरओ लेह लद्दाख की सरहदों तक के सफर को सुगम बना रहा है। अटल टनल के बाद लेह-लद्दाख को शिंकुला टनल देश से जोड़ेगी। 

उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा और सामरिक लिहाज से बेहद अहम लद्दाख को हिमाचल से जोड़ने के लिए शिंकुला दर्रे पर दुनिया की सबसे ऊंची टनल बनेगी। यह टनल समुद्रतल से साढ़े 15 हजार फीट की ऊंचाई पर बनाई जाएगी। कोई 4.12 किमी लंबी शिंकुला टनल दुनिया में बनने वाली सबसे ऊंची व लंबी टनल होगी। उन्होंने कहा कि वह दो दिन से लाहुल घाटी के दौरे पर थे। उन्होंने कहा कि निमु पदुम शिंकुला दारचा मार्ग के बन जाने से जांस्कर घाटी के लोगों के जीवन स्तर में सुधार होगा, जो आज भी बिजली और सड़क सुविधा से वंचित हैं। इससे पहले साहसिक खेलों में रुचि रखने वाले ट्रैकर ही इस मार्ग का प्रयोग करते थे। लेकिन अब यह घाटी पर्यटन का हब बनेगी और लोगों की आर्थिकी मजबूत करेगी।

उन्होंने कहा कि यह मार्ग चीन और पाकिस्तान की सीमा से दूर मध्य में होगा। इस कारण यहां से सेना के वाहनों की गतिविधि की जानकारी दुश्मन को नहीं लग पाएगी। उन्होंने कहा कि लेह लद्दाख की जांस्कर घाटी नौ से दस महीने तक शेष विश्व से जुड़ी रहेगी। पहले यह क्षेत्र बाया लेह कारगिल महज पांच महीने ही खुलता था। जांस्कर घाटी में पर्यटन बढ़ेगा। इस कारण यहां के लोगों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। निर्माण इस साल जुलाई में शुरू होगा। टनल निर्माण से जांस्कर के अधिकतर क्षेत्र कारज्ञा, पुरने, पदुम, जंगला, कारश, मुने जैसे पर्यटन स्थल देश विदेश के पर्यटकों को निहारने को मिलेंगे।

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