नई दिल्ली (मानवी मीडिया) दिल्ली की एक अदालत ने प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन इंडियन मुजाहिदीन के सह संस्थापक यासीन भटकल और संगठन के कई अन्य सदस्यों पर वर्ष 2012 में भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश रचने के मामले में आरोप तय करने का आदेश दिया। अदालत ने रेखांकित किया कि भटकल सूरत शहर में परमाणु बम से हमले की योजना बना रहा था।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शैलेंद्र मलिक ने टिप्पणी की कि भटकल के पास से जब्त उपकरण से कई वीडियो क्लिप मिले, जिसमें जिहाद के नाम पर गैर मुस्लिमों की हत्या को न्यायोचित ठहराने सहित अन्य आपत्तिजनक बातें थीं। अदालत ने कहा कि आरोपी के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत मौजूद हैं।
अदालत ने 31 मार्च को दिए गए आदेश में कहा कि प्रथम दृष्टया प्रतीत होता है कि इंडियन मुजाहिदीन के सदस्य आरोपियों ने भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश रची। न्यायाधीश ने कहा कि भटकल के चैट से खुलासा हुआ कि वह सूरत से मुसलमानों को निकालने के बाद वहां परमाणु हमले की योजना बना रहा था।
अदलत ने टिप्पणी की, ‘‘आरोपियों के चैट से पता चलता है कि इंडियन मुजाहिदीन सूरत में परमाणु बम लगाने की योजना बना रहा था और ऐसी आतंकवादी घटना को अंजाम देने से पहले उसकी योजना मुसलमानों को शहर से बाहर निकालने की थी...इस संबंध में चली लंबी बातचीत की सामग्री का विश्लेषण करने पर स्पष्ट होता है कि भटकल और अन्य आरोपी न केवल पूर्व की आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने में शामिल थे, बल्कि भविष्य की आतंकवादी घटनाओं की साजिश में भी संलिप्त थे और उन्हें नेपाल के माओवादियों से हथियार, गोलाबारूद एकत्र करने में मदद मिल रही थी।’’