डार्क मैटर का विस्तृत मानचित्रण आइंस्टीन के गुरुत्वाकर्षण सिद्धांत की पुष्टि करता है - मानवी मीडिया

निष्पक्ष एवं निर्भीक

.

Breaking

Post Top Ad

Post Top Ad

Wednesday, April 12, 2023

डार्क मैटर का विस्तृत मानचित्रण आइंस्टीन के गुरुत्वाकर्षण सिद्धांत की पुष्टि करता है


नई दिल्ली (मानवी मीडियाअनुसंधानकर्ताओं ने अदृश्य डार्क मैटर का विस्तृत मानचित्र तैयार किया है जो आसमान के एक चौथाई हिस्से में फैला है और इसका विस्तार पूरे ब्रह्मांड में है। अटाकामा कॉस्मोलॉजी टेलीस्कोप (एसीटी) के साथ अंतरराष्ट्रीय अनुसंधानकर्ताओं की टीम ने उक्त मानचित्र तैयार किया है और उनका कहना है कि इससे आइंस्टीन के उस सिद्धांत की पुष्टि हुई है कि कैसे ब्रह्मांड के 14 अरब साल के जीवन काल में संरचनाएं विकसित हुईं ।

इस अनुसंधान पत्र को अभी प्रकाशित नहीं किया गया है और यह एआरएक्सआईवी डॉट ओआरजी में मुद्रण पूर्व अवस्था में प्रकाशित हुआ है और एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में प्रकाशन के लिए जमा किया गया है। कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में ब्रह्मांड विज्ञान के प्रोफेसर और एसीटी अनुसंधानकर्ताओं की टीम का नेतृत्व कर रहे ब्लैक शेरविन ने कहा, अबतक सबसे अधिक दूरी तक के डॉर्क मैटर का हमने मानचित्रण किया है और स्पष्ट रूप से इस अदृश्य दुनिया की विशेषता को देख सकते हैं।

जो लाखों-करोड़ों प्रकाश वर्ष के दायरे में फैली हैं। उन्होंने बताया कि ब्रह्मांड के 85 प्रतिशत हिस्से के निर्माण को प्रभावित करने के बावजूद डार्क मैटर का पता लगाना मुश्किल है क्योंकि ये विद्युत चुंबकीय विकिरण जैसे प्रकाश से प्रभावित नहीं है और केवल गुरुत्वाकर्षण से ही इनका पता लगाया जा सकता है।

अनुसंधानकर्ताओं की टीम ने पता लगाया कि कैसे डार्क मैटर सहित भारी संरचनाओं के गुरुत्वाकर्षण ब्रह्मांडीय माइक्रोवेव पृष्ठभूमि (सीबीएम)विकिरणों को एक नए द्रव्यमान मानचित्र का निर्माण करने के लिए झुका देते हैं। सीएमबी विकिरण ब्रह्मांड के निर्माण, बिग बैंग (माना जाता है कि मौजूदा ब्रह्मांड का निर्माण एक विशाल धमाके से हुआ) के बाद से निकलने वाला विसरित प्रकाश है, जिसे ब्रह्मांड विज्ञानी ब्रह्मांड की शिशु तस्वीर के रूप में रेखांकित करते हैं।

उक्त घटना को अनुमानत: 14 अरब साल हो गए हैं जिसमें पृथ्वी का जन्म भी शामिल है। माना जाता है कि उससे पहले ब्रह्मांड केवल 3,80,000 साल पुराना था। पेनसिल्वेनिया विश्वविद्यालय में भौतिक शास्त्र और खगोल विभाग के सहायक प्राध्यापक मैथ्यू माधवचेरिल ने कहा, हमने बिग बैंग के बाद बिखरे प्रकाश का इस्तेमाल कर विस्तृत मानचित्र तैयार किया है। टीम ने इसके लिए नेशनल साइंस फाउंडेशन द्वारा चीली की एंडीज पर्वत की ऊंचाई पर स्थित अटाकामा कॉस्मोलॉजी टेलीस्कोप से एकत्र आंकड़ों का इस्तेमाल किया है।

Post Top Ad