लखनऊः (मानवी मीडिया) छोटे-छोटे बच्चों के साथ समाज में घटना दुर्घटनाएं बढ़ती ही जा रही हैं. यही वजह है कि बच्चों को गुड और बैड टच के बारे में जानकारी देने के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय विधि संकाय की संस्था विधिक सहायता केंद्र और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से पॉक्सो अधिनियम 2012 पर कार्यशाला का आयोजन जानकीपुरम के सेंट मेरी कॉन्वेंट स्कूल में किया गया.
इस दौरान डॉ. बीडी सिंह (संकायाधक्ष्य व अधिष्ठाता) और डॉ. आलोक कुमार यादव (चेयरपर्सन, विधिक सेवा केंद्र ) भी मौजूद रहे. इसकी शुरुआत इरा उपाध्याय ने की, जिन्होंने बच्चों को पॉक्सो अधिनियम और उसके महत्व के बारे में बताया.
बच्चों ने भी इससे जुड़े कई सवाल पूछे. गरिमा मिश्रा ने अच्छे स्पर्श और बुरे स्पर्श( गुड टच – बैड टच ) के बीच के अंतर को समझाया. यही नहीं इस दौरान बच्चों को स्पष्ट करने के लिए कई उदाहरण देकर समझाया गया. उन्हें बताया गया कि शरीर के किन हिस्सों को किसी को भी टच न करने दें. सिर्फ उन हिस्सों को मां और बाप ही टच कर सकते हैं. अगर कोई बाहर का ऐसा करता है तो इसकी जानकारी अपने परिवार को दें.