इस दौरान जब पुलिस प्रदर्शनकारियों को हटाने पहुंची, तो पुलिस की गाड़ियों पर भी पथराव किया गया। जिसके बाद पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े। देर रात तक स्थिति तनावपूर्ण बनी रही। SP श्याम सिंह ने बताया, “पुलिस बल तैनात है, अधिकारी लगातार अपनी नजर बनाए हुए हैं। हम लोगों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं।”
दरअसल, नगर पालिका नदबई इलाके में 3 जगह मूर्तियां लगा रही है। संभागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा की अध्यक्षता में कमेटी ने तय किया कि कुम्हेर चौराहे पर महाराजा सूरजमल, बैलारा चौराहे पर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर और नगर चौराहे पर भगवान परशुराम की मूर्ति लगाई जाएगी। पर भरतपुर देहरा मोड़ से नदबई वाले रास्ते पर बेलारा चौराहे पर जाट समाज के लोग महाराजा सूरजमल की मूर्ति स्थापित करने की मांग कर रहे हैं, वहीं जिला प्रशासन वहां भीमराव अंबेडकर की मूर्ति लगाने का फैसला कर चुका है। इसे लेकर ही विवाद हुआ।
स्थानीय लोगों की मांग है कि नदबई का मुख्य चौराहा बैलारा है, ऐसे में महाराजा सूरजमल की प्रतिमा बैलारा चौराहे पर लगनी चाहिए। इसी मांग को लेकर लोगों ने धरना भी दिया। पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने बयान दिया था कि आप जो चाहते हैं, वही होगा आप धरना खत्म कीजिए। इस बीच मंत्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि बैलारा चौराहे पर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर और डेहरा मोड चौराहे पर महाराजा सूरजमल की मूर्ति लगाई जाए। इसी को लेकर विरोध शुरू हुआ।
12 अप्रैल की शाम को ही जाट समुदाय के लोग यहां इकट्ठा हो गए और चक्का जाम कर दिया। हालात को देखते हुए पूरे इलाके में पुलिस फोर्स तैनात की गई थी लेकिन रात 8 बजे बाद से हालात बिगड़ने शुरू हो गए। विरोध कर रहे ग्रामीणों ने पहले जाम लगा दिया और सड़कों पर आगजनी शुरू कर दी। लोगों ने नदबई की ओर जाने वाले रास्तों को बंद कर दिया।
नदबई से पहले बूढ़ावरी गांव, नगला खटोटि गांव की मुख्य सड़कों पर भी आगजनी की गई। रात 12 बजे के बाद हालात बेकाबू हो गए। अंधेरे का फायदा उठा कर ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव भी किया। बवाल को देखते हुए कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह और तमाम प्रशासनिक अधिकारी प्रदर्शनकारियों को समझाने के लिए पहुंचे लेकिन लोगों ने उनकी बात नहीं मानी।