लखनऊ (मानवी मीडिया) संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के एपेक्स ट्रामा सेंटर में डॉक्टरों ने एक दस वर्षीय बच्ची का कंधे से कट चुके हाथ को दोबारा जोड़ने में सफलता पाई है। डॉक्टरों के प्रयास ने बच्ची को विकलांग होने से बचा लिया है। एपेक्स ट्रामा सेंटर में इस तरह की सर्जरी पहली बार हुई है। बच्ची का हाथ जोड़ने में तीन विभागों के डॉक्टरों ने एक साथ मिलकर करीब चार घंटे तक कड़ी मेहनत की। जिसके बाद बच्ची अब स्वस्थ है। हालांकि डॉक्टर बच्ची के स्वास्थ्य पर नजर बनाये हुये हैं। जिससे रिइंप्लांट हुआ हाथ ठीक तरह से काम कर सके।
दरअसल, निगोंहा इलाके में रहने वाली 10 साल की बच्ची का दाहिना हाथ 23 फरवरी की शाम तेल निकालने की मशीन में फंस गया। जिससे उसका हाथ कंधे के नीचे से पूरी तरह कटकर अलग हो गया था. बच्ची के परिजन उसे तुरंत पीजीआई के एपेक्स ट्रामा सेंटर पहुंचे, जिसके बाद डाक्टरों की टीम ने इलाज किया।
एसजीपीजीआई के प्लास्टिक सर्जन प्रो.अंकुर भटनागर ने बताया कि बच्ची को देखने के बाद हाथ को दोबारा जोड़ने का फैसला लिया गया। इस सर्जरी में एनेस्थीसिया और ऑर्थोपेडिक्स विभाग के विशेषज्ञों से सलाह लेकर तत्काल सर्जरी की तैयारी शुरू की गई। प्रो. अंकुर भटनागर के मुताबिक हाथ को अलग हुए करीब दो घंटे का समय बीत चुका था। उन्होंने बताया कि कटे हुये हाथ को करीब 6 घंटे में दोबारा से जोड़ देना चाहिए। नहीं तो सर्जरी सफल नहीं होती, साथ ही अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्या भी पैदा हो सकती है। ऐसे में सभी विभाग के विशेषज्ञों के साथ मिलकर सर्जरी शुरू की गई। चार घंटे तक चली सर्जरी के बाद हाथ जोड़ने में कामयाबी हासिल हुई है। इसके अलावा उन्होंने बताया कि सर्जरी के बाद बच्ची के हाथ की नियमित निगरानी की गयी। 48 घंटों तक उसको आईसीयू में भर्ती कर
प्रतिदिन उसकी ड्रेसिंग की गयी व अन्य जरूरी इंजेक्शन व दवाएं दी गयीं । वहीं जब सर्जरी के हाथ में पूर्ण रूप से रक्त प्रवाह आने के बाद बच्ची को पीएमएसएसवाई में शिफ्ट कर दिया गया । कुछ दिनों बाद उसकी छुट्टी कर दी गई है।
संजय गांधी पीजीआइ के एनेस्थीसिया विभाग के प्रो. एसपी अंबेश ने बताया कि जब बच्ची को लाया गया था, उस समय उसे होश नहीं था। इसलिए सबसे पहले बच्ची को सामान्य स्थित में लाना भी एक कार्य था। इसके अलावा सर्जरी के दौरान और बाद में शरीर के अन्य अंगों को भी नुकसान होने से बचाना भी एक चुनौती थी,लेकिन चिकित्सकों की कड़ी मेहनत रंग लाई और आज बच्ची पूरी तरह स्वस्थ है।
सर्जरी करने वाली टीम
इस सर्जरी में प्लास्टिक सर्जरी विभाग के डॉक्टर, बेहोशी और आर्थोपेडिक के डाक्टर शमिल थे । प्लास्टिक सर्जन डॉ. अंकुर भटनागर की टीम ने माइक्रोवस्कुलर तकनीक से यह आपरेशन किया। हाथ कटने के कारण काफी मात्रा में खून बह गया था । इसलिये बच्ची को 3 यूनिट रक्त भी चढ़ाया गया।
प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रो.अंकुर भटनागर ,डा अनुपमा सिंह, डा राजीव भारती, सीनियर रेजिडेंट डा तंजूम कांबोज,डा भूपेश गोगिया,डा गौतम , आर्थो के डा केशव ,डा सिद्धार्थ, ट्रामा के एनेस्थीसिया और इंटेंसिव केयर टीम के डा प्रतीक,डा वंश, डा रफत, डा सुरुचि, सहित ओटी टीम और आईसीयू के रेजिडेंट स्टाफ थे