नई दिल्ली (मानवी मीडिया): दुनिया के बहुत से देश अधिक आबादी और कई देश कम आबादी से चिंतित हैं। अपनी अपनी चिंताएं दूर करने के लिए इन देशों ने अलग अलग तरकीबें ढूंढी हुई हैं। जैसे कि जापान दक्षिण कोरिया सबसे कम जन्मदर वाला देश है और वहां पर बच्चे पैदा करने पर मां को 1.2 लाख रुपए मिलते हैं और एक वर्ष की आयु तक के बच्चों के लिए हर सप्ताह 528 डॉलर (43,337 रुपए) हर महीने दिए जाते हैं। 2 साल की उम्र तक शिशु के लिए 264 डॉलर (21,600 रुपए) हर महीने दिए जाते हैं। 2024 में सरकार इसे बढ़ाएगी। तब एक साल की उम्र तक 755 डॉलर (61,968 रुपए) और 2 साल की उम्र तक 377 डॉलर (30,943 रुपए) दिए जाएंगे। इसके अतिरिक्त सरकार कम आय वाले परिवारों और एकल माता-पिता को बच्चे के प्राथमिक स्कूल की उम्र तक 151 डॉलर (12,393 रुपए) हर महीने देगी।
बेलारूस के एक परिवार ने बताया कि बच्चे के जन्म के बाद बेलारूस की सरकार की ओर से उन्हें 1 लाख 28 हज़ार रुपये दिए गए। यह राशि नए-नए माता-पिता को एकमुश्त रूप में सरकार की ओर से दी जाती है। इसके बाद अगले 3 साल तक सरकार की ओर से इस परिवार को 18000 रुपये हर महीने दिए जाने तय हुए। ये पैसे पैरेंट्स के अकाउंट में सीधा ट्रांसफर किए जाते हैं। 2013 से ही फिनलैंड की सबसे छोटी नगरपालिकाओं में से एक लेस्टिजारवी में पैदा होने वाला हर बच्चा 10 हजार यूरो यानी करीब सात लाख 86 हजार रुपये का है।
लेस्टिजारवी के प्रशासकों ने गांव में घटती जन्म दर और सिकुड़ती आबादी से निपटने का फैसला किया था। उससे एक साल पहले गांव में सिर्फ एक बच्चा पैदा हुआ था। नगरपालिका ने बेबी बोनस नाम से एक प्रोत्साहन शुरू किया। यह तय हुआ कि हर बच्चे के जन्म पर अगले 10 साल में 10 हजार यूरो दिए जाएंगे। यह उपाय कारगर रहा। योजना शुरू होने के बाद से नगरपालिका में बच्चों की जन्मदर में इजाफा देखा गया।