लखनऊ (मानवी मीडिया) ट्रांसफर पोस्टिंग के नाम पर लाखों रुपये मांगने के आरोपों का सामना कर रहे आईपीएस हिमांशु कुमार की विजिलेंस जांच समाप्त कर दी गयी है। विजिलेंस ने उनके खिलाफ हुई जांच का दो बार परीक्षण कराया था
जिसमें आरोप सही नहीं पाए जाने पर राज्य सरकार को रिपोर्ट भेजी थी। सूत्रों की मानें तो राज्य सरकार ने रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है जिससे हिमांशु कुमार को बड़ी राहत मिली है। विजिलेंस की क्लीन चिट के बाद अब हिमांशु कुमार पर मेरठ में दर्ज एफआईआर में अंतिम रिपोर्ट अदालत में पेश की जाएगी।
बताते चलें कि करीब चार वर्ष पूर्व नोएडा के तत्कालीन एसएसपी वैभव कृष्ण ने पांच आईपीएस अधिकारियों पर तबादला रैकेट में शामिल होने का आरोप लगाकर पूरे पुलिस विभाग में हड़कंप मचा दिया था। राज्य सरकार ने इसकी जांच तत्कालीन सतर्कता निदेशक की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय एसआईटी से कराई थी।एसआईटी ने जांच में आईपीएस अजय पाल शर्मा और हिमांशु कुमार लगे आरोप सही पाए थे। इसके बाद दोनों के खिलाफ विजिलेंस के मेरठ सेक्टर में एफआईआर दर्ज की गई थी। बीते वर्ष विजिलेंस ने दोनों आईपीएस अधिकारियों को क्लीन चिट दे दी थी। इनमें से अजय पाल शर्मा की जांच समाप्त करते हुए उनको एसएसपी जौनपुर के पद पर तैनात किया जा चुका है। वहीं हिमांशु कुमार की जांच भी अब समाप्त कर दी गयी है। हिमांशु कुमार वर्तमान में मुरादाबाद स्थित 23वीं वाहिनी पीएसी के सेनानायक के पद पर तैनात हैं।