लखनऊ (मानवी मीडिया) रविवार को विद्युत संविदा मजदूर संगठन के नरही बाजार स्थित केन्द्रीय कार्यालय प्रदेश अध्यक्ष कमला तिवारी की अध्यक्षता में प्रान्तीय कार्यकारिणी द्वारा विद्युत दुर्घटना मे आए दिन संविदा कर्मियों की अकाल मौतों और शोषण के लिए अभियंताओं और अवर अभियंताओं को ज़िम्मेदार ठहराया गया। इस बैठक में वेतन बढ़ोतरी सहित अन्य प्रमुख मांगो पर सहमति के बाद भी आदेश जारी नहीं किए जाने पर घोर असंतोष ब्यक्त किया गया।
विभिन्न ज़िलों और परियोजनाओं से सैकड़ों की संख्या में आए आउट सोर्सिंग संविदा कर्मियों की बैठक को संबोधित करते हुए विद्युत संविदा कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष आरएस राय ने बताया कि संविदा कर्मियों की मॉगो पर महासंघ के साथ गत 10 मार्च को उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार के साथ हुई बैठक में विद्युत दुर्घटना में मृतक संविदा कर्मियों के आश्रित को अनुग्रह धनराशि बढ़ाने सहित 12 प्रमुख मॉगो पर चर्चा के बाद अध्यक्ष एम. देवराज ने मुआवज़ा राशि दस लाख किए जाने, वेतन बढ़ाने सहित अन्य मुद्दों का शीघ्र समाधान किए जाने का आश्वासन दिया था।
उन्होंने कहा कि विद्युत संविदा कर्मचारी महासंघ बीते 16 मार्च से प्रारंभ 65 घंटे की हड़ताल मे तोड़ फोड़ द्वारा विद्युत आपूर्ति व्यवधान उत्पन्न किए जाने के लिए संघर्ष समिति के प्रयासों को विफल करने और पूरे प्रदेश में विद्युत व्यवस्था सामान्य बनाए रखने के अपने दायित्व को लगातार कई कई घंटे ड्यूटी करके संविदा कर्मियों द्वारा सफलतापूर्वक निभाया गया था।
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा और अध्यक्ष एम. देवराज से आउट सोर्सिंग संविदा कर्मियों का वेतन कम से कम पॉच हज़ार रुपए बढ़ाने और दुर्घटना मृत्यु पर दस लाख रुपये मुआवज़ा दिए जाने, कार्य की उम्र सीमा 60 वर्ष किए जाने की मांगों पर एक माह के भीतर आदेश जारी किए जाने की अपील की है।