लखनऊ (मानवी मीडिया) यूपी के प्रगायराज में 15 अप्रैल को माफिया अतीक अहमद और उसके भाई की हत्या के बाद अचानक 800 मोबाइल नंबरों बंद कर दिए गए। ये नंबर बीते 24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या के बाद यूपी एसटीएफ ने सर्विलांस पर रखा था। ये सभी नंबर अतीक गैंग के सदस्यों और उनके मददगारों के थे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 15 अप्रैल को अतीक और अशरफ की हत्या के बाद ये सारे नंबर बंद जा रहे हैं। यूपी एसटीएफ के सामने बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। फिलहाल छानबीन चल रही है।
वहीं दूसरी तरफ गोरखपुर में माफियाओं की अब खैर नहीं फिर से खंगाली जा रही है माफियाओं की कुंडली। गोरखपुर जोन के सात माफिया पुलिस के निशाने पर है। पुलिस मुख्यालय से इन के विरुद्ध कोई कार्यवाही की जानकारी मांगी जा रही है। एडीजी के निर्देश पर माफियाओं के खिलाफ हुई कार्यवाही और जब की गई संपत्ति का विवरण जुटाया जा रहा है।
प्रदेश के माफियाओं की सूची में गोरखपुर के चार बदमाश भी है शामिल। सूची में बिहार से दो बार के विधायक रहे राजन तिवारी, सुधीर सिंह, विनोद उपाध्याय, राकेश यादव के नाम शामिल हैं। एडीजी जोन के निर्देश के बाद गोरखपुर और देवरिया के साथ ही बाराइज वह बलरामपुर पुलिस इन माफियाओं के खिलाफ दर्ज मुकदमे वर्तमान स्थिति और इस वक्त कहां है इस सब की जानकारी जुटाई जा रही है।