नैनीताल (मानवी मीडिया): क्या ऑनलाइन गेमिंग का चस्का ऐसा भी लग सकता है कि आपकी जिंदगी नासूर बना दे। जी हां एसा ही हुआ है नैनीताल के हल्द्वानी के रहने वाले हरीश के साथ। हरीश को ऑनलाइन रमी गेम खेलने का ऐसा चस्का लगा कि अब उसकी जिंदगी बर्बाद हो गई है। इस शख्स ने ना सिर्फ अपनी पूरी पूंजी गवा दी बल्कि अब अपनी किडनी को भी बेचने पर मजबूर हो गया है। उस पर 52 लाख रुपए का कर्ज हो गया है और उसे नौकरी से भी हाथ धोना पड़ा है। उसकी बेटी और पत्नी भी उसे छोड़ कर चले गए हैं।
36 साल का यह शख्स गुरुवार को नोएडा के सेक्टर 3 में स्थित गेमिंग कंपनी के ऑफिस में आत्महत्या करने पहुंच गया। हरीश ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से ट्वीट में कहा कि अगर सरकार ने ऑनलाइन फ्रॉड गेमिंग को बंद नहीं किया तो उसको आत्महत्या करनी पड़ेगी या किडनी बेचनी पड़ेगी। उसने सोशल मीडिया अकाउंट पर यह भी लिखा कि वह कंपनी पर ही आत्महत्या कर लेगा।
हरीश काफी वक्त से दिल्ली के ओखला के प्रह्लादपुर इलाके में रहता है। वह दिल्ली की है कि कॉमर्स कंपनी में नौकरी करता था लेकिन 3 साल पहले उसे ऑनलाइन गेमिंग का ऐसा चस्का लगा कि उसने गेम के आगे सब कुछ छोड़ दिया। खेल का नियम यह था कि जो भी रकम दांव पर लगेगी उसका 90 परसेंट हिस्सा जीतने वाले और 10 परसेंट कंपनी को मिलेगा। हरीश ज्यादा से ज्यादा रकम जीतना चाहता था लेकिन वह कोई मुकाबला नहीं जीत पाया। बाद में उसको सिर्फ हार मिली और उसने सोचा कि क्यों न एक झटके में अमीर बना जाए इसलिए उसने 4 अलग-अलग बैंकों से 22 लाख रुपये का लोन लिया। लेकिन वह पूरी रकम गंवा बैठा।
3000000 रूपए वह पहले ही डूबा चुका था। इसके बाद उसने 22 लाख रुपए की रकम डूबने के बाद उस पर 52 लाख का कर्ज हो गया। इस दौरान उसकी नौकरी भी चली गई और ईएमआई नहीं देने के कारण बैंक से भी डेढ़ साल से रिकवरी के नोटिस आ रहे हैं। हरीश की शादी 5 साल पहले हुई थी वह दो बेटियों का बाप भी है उसकी पत्नी उसे अलग छोड़ने के लिए हमेशा कहते थे लेकिन उसका लालच इतना ज्यादा बढ़ गया उसकी इसलिए उसकी एक भी नहीं सुनी जब अपनी करतूतों से बाज नहीं आया तो बच्चे और पत्नी भी उसका साथ छोड़ कर चले गए। उसके परिवार के लोग उत्तराखंड में रहते हैं। जबकि वह सड़कों पर मारा-मारा फिर रहा है।