प्रेस कॉन्फ्रेंस में वन मंत्री द्वारा बताया गया कि नेशनल क्लाइमेट कान्क्लेव-2023 पर्यावरण, वन एवं जलवायु विभाग उ0प्र0 तथा पर्यावरण वन एवं जलवायु मंत्रालय भारत सरकार के साथ मिलकर आयोजित कर रहा है। यह कॉन्क्लेव जलवायु परिवर्तन व पर्यावरण स्वच्छता के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। मा0 प्रधानमंत्री जी पर्यावरण व जलवायु के प्रति संवेदनशील हैं व पर्यावरण संरक्षण की दिशा में उनके निर्देश पर विभिन्न राज्यों द्वारा कार्य किया जा रहा है। इस कॉन्क्लेव में 17 राज्यों के पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री/वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हर्ष का विषय है कि आज मा0 प्रधानमंत्री जी द्वारा कर्नाटक में भारत में बाघों की संख्या का आंकड़ा जारी किया गया है, जिसमें पूरे विश्व की बाघों की संख्या में 75 प्रतिशत संख्या भारत में ही है। यह भी पर्यावरण व पारिस्थितिकी संतुलन में भारत की अच्छी स्थिति को दर्शाता है।
अपर मुख्य सचिव, पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन विभाग मनोज सिंह ने बताया कि यह कॉन्क्लेव केवल एक वैचारिक संगोष्ठी ही नहीं है बल्कि यह एक ऐसा मेगा इवेन्ट है जिसमें इस वैश्विक समस्या के स्थानीय प्रभाव एवं इसके अनुकूलन एवं शमन हेतु पर्यावरण विदों, विषय विशेषज्ञों व नीति नियोजकों द्वारा अपने अनुभव और ज्ञान साझा करने और जलवायु परिवर्तन से प्रभावी ढंग से खोजने का एक अवसर है। इस दो दिवसीय कॉन्क्लेव में कुल 80 से ज्यादा विषय विशेषज्ञ एवं प्रख्यात वक्ता, 100 से ज्यादा शिक्षाविद और शोधकर्ता, 100 से ज्यादा सिविल सेवा संगठन एवं 50 से ज्यादा नीति नियोजकों द्वारा प्रतिभाग किया जायेगा।अपर सचिव पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार ने भारत सरकार द्वारा जलवायु परिवर्तन व पर्यावरण संवर्धन हेतु किये जा रहे कार्यों की चर्चा करते हुए उ0प्र0 सरकार द्वारा इस क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए उनके अच्छे कार्यों के लिए पुरस्कृत किये जाने पर बधाई भी दी।
वन विभाग की विभागाध्यक्ष ममता संजीव दुबे ने बताया कि कॉन्क्लेव के उद्घाटन सत्र में मुख्यमंत्री उ0प्र0 एवं मंत्री पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन भारत सरकार द्वारा उ0प्र0 राज्य की जलवायु परिवर्तन कार्ययोजना का विमोचन किया जायेगा तथा कॉन्क्लेव की तैयारी से समापन तक उत्सर्जित कार्बन की मात्रा का विशेषज्ञों द्वारा आंगणन कर उत्सर्जित कार्बन के अवशोषण हेतु 75 हजार पौधों का रोपण विभाग की पौधरोपण योजना के अतिरिक्त किया जायेगा।